Book Title: Mahabharatam
Author(s): Nagsharan Sinh,
Publisher: Nag Prakashan Delhi
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शस्यस्य च महावेगा (भीष्म) ६१.१० शल्यस्य धृष्टकेतोश्च (उद्योग) ४.८ शल्यस्य प्रेष्यतां शीघ्र (उद्योग) ४.११ शल्यस्य निधनं चात्र ( आ ) २.२५२ शल्यस्न वहिवों हन्तु (शल्य) ८.३० शल्यस्य सशरं चापं (द्रोण) १०४.३१ शल्यस्य सोमदत्तस्य ( द्रोण) ८५.३४ शल्यं च पञ्चविशत्या (भीष्म) ६४. २७ शल्यं च शरवर्षेण (द्रोण) ३७.३३ शल्यं दुर्योधनं चैव (द्रोण) १४६७५ शल्यं नवत्या विव्याध (कर्ण) ४९. ३० शल्यं निपतितं नार्यः (स्त्री) २३. ८ शल्यं शरणद शूरं (स्त्री) २३. ९ शल्यं षोडशभिर्बाणैः (द्रोण) १४६.५४ शल्यं सेनापति कृत्वा (शल्य) १.८ शल्यं सेनापति कृत्वा (शल्य) ८.६ शल्यानुद्धृत्य पाणिभ्यां (द्रोण) १००.१५ शल्या भूरिश्रवा: (द्रोण ) ३७.२५ शल्येऽथ निहते राजन् (शल्य) १८.१ शल्यो ग्रधन्वानमहं (कर्ण) ४२.११
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शल्योऽपि राजन्संक्रुद्धो ( शस्य ) ११.४८ शल्यो भूरिश्रवाश्चैव (द्रोण ) ८५.२८ शल्यो भूरिश्रवाश्चैव ( भीष्म) १७.२२ शल्यो वा पाण्डवं हत्वा (शल्य) १६.६० शशं चाशु विनिर्भिद्य (आश्व) ७७.१८ शशंस चैव भगवान् (आ) ११५.२३ शशंस तस्मै पाञ्चाली (वन) १७९.४७ शशंस रामाय युधिष्ठिरं ( आ ) १८७.१० शशंस रावणस्तस्मै (वन) २७८.५ शशंसुनिर्वृताः सर्वे (सभा) ४५.३४ शशंस हृच्छयं तीव्र (शांति) ३०.१९ शशंसुः ऋषयस्तत्र (शांति) ३३३.२२ शशकान् यवनांश्चैव (वन) २५४.२१ शशयानं च राजेन्द्र (वन) ८२.११४ शशलोहितवर्णाभा (वन) १५८.९५ शशलोमा च राजा (आश्रम) २०.१४ शशलोहितवर्णास्त (द्रोण) २३. ५० शशबिन्दु चैत्ररथं (शांति) २९.१०५ शशबिन्दोश्च भार्याणां (शांति ) २००.११ शशः शशांक: शमन: (शांति ) २०४.१५८
महाभारतम् श्लोकानुक्रमणी
५०.८
१००.२४
१.१८
शश। सन्निकाशा (द्रोण) ११९.३८ शशाङ्कसूर्याविव मेचानिः (कर्ण) ८८.१० शशादस्य तु दायादः (वन) २०२.२ शशाप च महातेजाः (शांति) ६.११ शशाप तं च स द्धो (आ) २२७.११ शशाप तत्र भीमस्तु (सभा) ६८.५० शशापाथ महातेजा: ( आ ) शशाप बलवस्त्र डो (अनु) शशास त्शष्ययासीनं (आ) शशिप्रकाशाननमर्जुनो (कर्ण) ९४.५३ शशिविन्दु ं च राजानं (द्रोण ) ६५.१ शोलकमुखी कृष्णा ( शल्य) ४६.२२ शश्वद्धर्मात्मना जातो (आ) ११९.३ शश्वद्धमात्मनां मुख्ये (आ) ११८.११ शष्कं तर्क परित्यज्य (वन) २०० ११४ शष्पं मृगमुखोच्छिष्टं (अनु) १४२.४० शस्यत्यसंशयं कोपा हिव्य (अनु) ४०.४८ शमितात्मातिकोवस्त ( आ ) ८६.१३ शस्त्रनित्यश्च सततं (आ) १००.६४ पास्त्रपूतां हि स गति (आव) ६१.२४
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शस्त्रपभाभिश्च (द्रोण) १६३.२३ शस्त्रवर्षाणि वर्षन्तो (वन) २५४.३४ शस्त्रविक्रयिकाचैव (अनु) २३. ७६ शस्त्रवृष्टि परंमुक्तां ( भीष्म) ६१.४३ शस्त्र वृष्टि सुतुमुलां (भीष्म) ४८.६५ शस्त्रं वाहं रणे जह्यां (भीष्म) ४३.६६ शस्त्र' कृतिभिराकीर्ण (द्रोण) १६६.२० शस्त्राप्रेस्वभवज्जवाला ( शल्य) ११.१८ शस्त्राणां भरतश्रेष्ठ (भीष्म) १३.२६ शस्त्राणां सङ्गमश्चैव (शल्प) १४.२६ प्रास्त्राणि च महार्हाणि (मा) १३०.६३ शस्त्राणि च विचित्राणि (द्रोण ) १९.४४ शस्त्राणि चैव राजेन्द्र (भीष्म) ३.२६ शत्राणि न प्रकाशन्ते (विरा) ४६.२५ शस्त्राणि गात्रे न च (उद्योग) ४८.८७ शस्त्राण्यनेकरूपाणि ( भीष्म) ६२.२२ शस्त्राण्येषां तु राजेन्द्र (कर्ण) ३.४ शस्त्रावभृथपूतानां वं (शल्य) ५.३७ शस्त्रास्त्रविद्धिनं (भीष्म) ६०.१५ शस्त्रेण निधनं (उद्योग) १४१.५३
२७.२७ ३३.२९
७१४ शस्त्रेण निधनं काले ( वन ) ५४.१८ शस्त्रैधिणं गाहमानं ( भीष्म) १००.३ शस्त्रमंमृदु क्रुद्धा (रणं) शस्त्रविनिहता यत्र (कर्ण) शस्त्रैश्च बहुभी राजन् (भीष्म) ८६.३० शस्त्रश्च विविधाकारे (अनु) ३०.४१ शस्त्रैश्च विविधै दिव्यं (शांति) २८१.१५ शस्त्रैयंत्रः कवचे (शांति) १०२.१२ शस्त्रौषमक्षय्यमति (उद्योग) १६०.१२४ शक्षौषमक्षय्यमति (उद्योग) १६१.४२ शस्त्रौघवर्षं रुधिराम्बु (द्रोण) १६३.३७ शाकलद्वीपवासाश्च (सभा) २६.६ शाकलद्वीपं च वक्ष्यामि (भीष्म) ११.८ शाकलं नाम नगरं (कर्ण) ४४.१० शाकल्यः संशितात्मा वै (अनु) १४.१०० शाकवृत्तिः फलैर्वापि (वन) ८२.४५ शाकुनि तु ततः षष्टया (कर्ण) २५.५ शाकुन्तलं महात्मानं (आ) ७४.११४ शाकैर्मूलैः फलैर्वापि (वन) ८२.२९ शाको नाम महाराज (भीष्म) ११.२८
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