Book Title: Mahabharatam
Author(s): Nagsharan Sinh,
Publisher: Nag Prakashan Delhi
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भीमन्महाभारतम् ।। श्लोकानुभमनो सत्यभामा ततस्तत्र (वन) २३५.३ सत्यं चेदं ब्रह्मणा (शांति) १५.३१ सत्यं धृतिश्च शौर्य (द्रोण) १०.३४ सत्यं श्रेष्ठं पाण्डव (वन) ५.२१ सत्यवादी शमपरस्(आ) १०५.१६ सत्यभामा तत्रैवान्या(मी) ७.७४ सत्यं चैवानृतं चोभे (शांति) १०१.२ सत्यं ध्यानं समाधानं (उद्योग) ४३.३४ सत्यं सङ् क्षिप्यते लोके (वन) १६०.३६ सत्यवानपि तां भायाँ (वन) २६५.१७ सत्यमतन्महाबाहो (द्रोण) १६०.२ सत्यं तथा व्याहरतां (वन) २०६.३६ सत्यं नामाव्ययं नित्यम(शांति) १६२.१० सत्यं सत्यं हि न शक्र (अनु) १४.१७६ सत्यवान्दानशीलश्च (अनु) १०७.११ सत्यमग्निपरीचारो (शांति) १६६.१० सत्यं तात ब्रवीम्यच (द्रोण) ३३.१३ सत्यं प्राप्तं च युक्तं (उद्योग) १३.३ सत्यं सत्सु सदा धर्मः (शांति) १६२.४ सत्यव्रतधरः शूरो (सौप्तिक) १५.१० सत्यमामषंयन् विप्रा (शांति) २७.१६ सत्यं ते प्रतिजानामि (माश्व) ५७.१० सत्यं पालयति प्रीत्या (शांति) ११.४. सत्यं सर्प बचा बहि (वन) १८०. सत्यव्रतधाराः सर्वे सर्वे (वन) १०.२२ सत्यमार्जवमक्रोधं (शांति) ३२१.५ सत्यं ते प्रतिजानामि(उद्योग) ८२.४६ सत्यं ब्रवीम्यहमिदं न(शांति)१९९.८६
सत्यं हि धर्ममास्थाय(शांति)२७०.१२
सत्यवत महाभाग (कर्ण) ३२.२ सत्यमाह पृथा वाक्यं (उद्योग) १४६.२ सत्य ते प्रतिजानामि (आश्व) ७१.२६ सत्यं ब्रह्म तपः सत्यं (शांति) १९०.१ सत्ययज्ञा दमयज्ञा (शाति) २६३.१८ सत्यव्रतं च पप्तत्या (भीष्म) ७३.२५ सत्यमाह महाबाहो (उद्योग)८१.५ सत्यं ते प्रतिजानामि (द्रोण) १५०.२६ मत्य भाताच धर्म (विरा) २०३२ सत्ययोनिः पुरोविच्च (वन) १८५.२६ सत्यव्रत: शान्तभयः (आ) १.२३६ सत्यमेकाक्षरं ब्रह्म (शांति) १६६.६४ सत्यं ते प्रतिजानामि (द्रोण) १५८.६
सत्यं मया तदा वाच्य (कर्ण) ६६.४७
सत्यवत्यथ वीक्ष्यनमुवा(आ) १०५.३१ सत्यवतश्च भद्रते (भीष्म) ६२.१७ सत्यमेतत त्वयोक्तं (वन) २५७.१२ सत्य ते प्रतिजानामि (वन) १२.१३० सत्यं मे प्रतिजानीहि (आ) ७३.१६ सत्यवत्यास्त्वनुमते (उद्योग) १७४.४ सत्यव्रते पुरुमित्रे (उद्योग) ५८.११ सत्यमेतद्भवानाह (आश्व) ७.४ सत्यं ते बुवतः सर्वे (आश्व) ७.२
सत्यं रूपं श्रुतं विद्यां(उद्योग) ३५.५६
सत्यवत्यै निवेद्याथ (उद्योग) १७६.४६ सत्यशौचार्जवत्याग (शांति) २१२.१५ सत्यमेतन्न संदेहो (शांति) १२८.२१ सत्यं दम क्षमा प्रज्ञा (शांति) २६६.१ सत्यं वदत मासत्यं (अनु) ११५.७१
सत्यवन्तः स्वर्गलोके (अनु) ७५.३३ सत्यशोचार्जवत्याग (सौप्तिक) ७.६२ सत्यमेतन्मयोक्तं ते (द्रोण) ११०.१०२ सत्य दम ह्याजवमानृश (शाति)२९६.२९ सत्यं वदत्यस्य पिता(वन) २६४.१२
सत्यवाक्ये स्थिताः सर्वे (वन) ७.८ सत्यश्वापि प्रवादोयं यं(आ) ७४.८६ सत्यमेतन्महाबाहो यथा (बा) १०५.४ सत्य दानमधाद्रोह (शांति) १८६.४ सत्यं वदसि कौरव्यं (द्रोण) १४.३३ सत्यवाक् शीलसंपन्नो (शांति) ८३.४३ सत्यश्रवा रथस्त्वेको(उद्योग) १६७.२१ सत्यमेव गरीयस्तु (वन) २०७.७५ सत्यं दानं क्षमा (वन) १८०.२१ सत्यं वदे नाभ्यसये(वन) २०७.२२ सत्यवागर्कपर्णश्च प्रयुत (आ) ६५.४३ सत्य-श्री-धर्म यशसां (द्रोण) १८६.११ सत्यं किंलक्षणं राजन् (शांति) १६२.२ सत्यं दानं तपः शोचं (शांति) २२८.४७ सत्यं वः प्रतिजानामि (द्रोण) ७३.२० सत्यवागस्तु स मुनिः (आ) ४३.३३ सत्यश्ववसि चाक्षिप्ते (द्रोण) ४५.४ सत्यं च नापि हर्तव्यं शांति) १३५.१५ सत्यं दानं तपः शौर्य (शांति) ५५.७
तपः शाय (शाति) ५५.७ सत्य विद्यसुरेन्द्राध(शांति) १२४.५३ सत्यवाग्भव कल्याण (उद्योग) ८.१८ सत्यसंघो जरासंघ (सभा) २२.३५ सत्यं च लोकवादोऽय (अनु) ८२.१४ सत्य धर्म प्रशंसन्ति (शांति) १६२.१
सत्यं वेदास्तथाऽङ्गानि(शांति) १६६.६६ सपवादी मृदुर्दान्तः (वन) १९१.२४ सत्यसेनं सुषेणं च द्वाभ्या(शल्य) १०.३६ सत्यं च समता चैव (शांति) १६२.८ सत्यं धर्मस्तपो योगः (शांति) १६२.५ सत्यं वेदेषु जागति (शांति) १६६.६५ सत्यवादी लभता (वन) २५९.२२ सत्यसेनः सुषेणाच (शल्य) १०.३० सत्यं चानुततः श्रेयो (धन) २६.१५ सत्यं धृतिर्मतिः शौर्य (द्रोण) १०.३८ सत्यं शपे त्वयाऽहं वै(शांति)१३८.१८५ सत्यवादी शमपरस्तपस्वी (आ) ४.७ सत्यसेनस्तु संकुर (कर्ण) २७.१५
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