Book Title: Mahabharatam
Author(s): Nagsharan Sinh, 
Publisher: Nag Prakashan Delhi

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Page 792
________________ श्रीमन्महाभारतम् । श्लोकानुश्मनी ওহ सहदेवं समीपस्य (शांति) ४१.१५ सहदेवस्य भल्लेन (कर्ण) ७८.२४ स हन्यमानों (द्रोण) १७५.१०३ सहसंजातवृद्धस्य तर्यव(शांति) १३६.१६ सहस्रधा बधू दृष्ट्वा (द्रोण) ७२.५६ सहदेवः सुनीथश्च (सभा) ७.१६ सहदेवस्य राजेन्द्र (आश्रम) ३६.४३ सहपुत्रः सहामात्य (भीष्म, ७१.२१ सहसा बाभवत्तींव (भीष्म) १३.२३ सहस्रनयनश्वापि वची (शांति)२२८.७ सहदेवस्ततः कुद्धः (भीष्म) ८३.५१ सहदेवस्य वृत्तानि (विरा) १९.३३ सह पुत्रस्ततः कुन्ती (आ) १२५.१४ सह सात्यकिना शारिर(शांति)४४.१५ सहस्रनेत्रपादाय नमो (द्रोण) ८०.६४ सहदेवस्ततः ऋदो (द्रोण) १०७.२६ सहदेवाच्च यो जातः (वन) २३५.११ सह भीष्मेण सर्वेषां (भीष्म) ११६.१० सहसा दृष्टवन्तः (शांति) ३३६.४० सहस्रनेत्रप्रतिमानकर्मणः (कण)६१.६७ सहदेवस्ततो राज (कर्ण) २३.४ सहदेवाच्छ्र तसेनमेतान(आ) २२१.८० स हसमाली तपनीय (द्रोण) १६.५० सहसा धातयामास (शांति) २८३.३३ सहस्रनेत्रप्रतिमो महात्मा(वन) २५.१० सहदेवस्ततो राजन्वि(द्रोण) १६७.२१ सहदेवाय राज़ च (बिरा) ३१.२५ सह मात्रा प्रदग्धु' (उद्योग) १२८.१३ सहसानार्यभूतानि (शांति) ६६.१२ सहस्रनेत्राशनितुल्यवीय (कर्ण)९१.४२ सहदेवस्ततो विद्वान (महा) २.८ सहदेवे ततः षाष्टि (द्रोण) १०७.१९ सहमित्र सहामात्यं (उद्योग) १३०.३१ सहसा प्राद्रवद्राजन् (कर्ण) ६२.१७ सहस्रपरिवेष्टारस्तथैव च (अनु)२३.९६ सहदेवस्ततो वीरो (भीष्म) ४५.२६ । सहदेवे महाराज (बाथम) १६.१० सहयज्ञाः प्रजा सृष्ट्वा (भीष्म) २७.१० सहसाऽभ्यद्रवद्राजन् (द्रोण) २६.३१ सहस्रपादं प्रासाद (उद्योग) १४३.३० सहदेवस्तथेत्युक्त्वा तां (वन) ३१२.१६ सहदेवो देवनद्याम (वन) २६३.३७ सहयः पृथिवी राजन् (आश्व) ७३.२२ सहसाभ्यागता भैमीमभ्या(वन)६३.२१ सहस्रबाहवे वैव (द्रोण) २०२.३७ स हयं पाण्डुपुत्रस्य (आश्व) ७५.२ सहसाभ्या सहदेवोऽपि गोपानां कृत्वा (विरा)१०.१ सहदेवस्तु कौरव्य (आश्व) ७२.२० स हयान्सन्निगाजी (द्रोण) १८८.५ सहसास्त्रविसगण (कण) ३१.१. सहस्रबाहविकटो (शल्य सहदेवस्तु तानन्वास्ती (द्रोण) १८८.७ सहदेवोऽपि गोपाना वेष (विरा)१३.६ सहयाः सादिनस्तत्र (कर्ण) २८.३३ सहसीत्पतिता श्यामा (मा) ८३.२४ सहस्रबाहुसदृशम (द्रोण) ११६.४३ सहदेवस्त मोद्रयः शरः उद्योग)५७.२२ सहदेवाजप नृपत (उद्योग) १६३.३६ सह युद्ध हि मे ताभ्यां (कर्ण) ४२.३५ सहसकरयः पार्थस्त्वाम(कर्ण) ७९.३७ सहस्रबाहुः सर्वाङ्ग (अनु) १७.१३३ सहदेवस्तु राजानं (आश्रम) २२.६ सहदेवो मया नित्यं (वन) ३१५.२५ सह राछषिभिः सर्वे (वन) २३१.४८ सहसैव महाराज देवान् (वन)२३१.५६ सहस्रभुजमृच्छीमान् (अनु) १५२.३ सहदेवस्तु राधेय विद्धबा(द्रोण)१६७.२ सहदेवो महाराज धनु(शल्य) २८.३७ सह युध्यामहे पार्थमा (विरा) ४६.२० सहसोत्पतितः क्रोधः (शांति) १.४० सहस्रमवधीतत्र कुन्ती (विरा) ३३.३३ सहदेवस्तु विशत्या । द्रोण) ११४.६२ सहदेवो महेष्वासः (उद्योग) १०.३६ सह राजर्षिभिः सर्वे (वन) २३१.४८ सहसोत्पत्य वेगेन सर्वाना(वन) १२.६२ सहस्रमश्वा एकक (शांति) २६.६७ सहदेवस्तु शकुनिमुलूक (भीष्म) ७२.५ सहदेवोषि माद्रीमेव स्वयं(आ)६५.८० सहष्टयः सशृङ्गाश्च (उद्योग) १५५.९ स हस्तिनपुरं गत्वा (कर्ण) २.२ सहसमावाश्चकक (द्रोण) ६०.४ सहदेवस्तु संयाय रथेन (वन)२७१.११ - सहधर्मचरी दान्तां नित्यं (आ) १५७.२१ सहवासं न मास्यामि शांति) ३०७.३२ स हस्तिनपुरं प्राप्य च (आ) ३.१७१ सहस्रमिव तिग्मांशु (वन) २७२.३६ सहदेवस्तु संक्रुद्धः खङ्ग (कर्ण) २३.६ सह धौम्येन विद्वांस (वन) ३१५.२६ सहवासविनाशित्वान्ना(शांति) ३०२.४४ स हस्तिनेवाभिहतो (विरा) ५४.३४ सहस्रमिव सूर्याणां (अनु) १४.२४६ सहदेवस्तु समरे मातुलं(भीष्म)F३.४४ सहन्ति च महद खन्नन्ति (वन) २.४४ सह वृष्ण्यन्धक (आश्व) ७१.१२ सहस्रचित्यो राजषिः (अनु) १३७.२० सहस्रमृषयो यस्य नित्य (बिरा) १८.२० सहदेवस्तु समरे मातुल (शल्य) १३.१० सहन्यमाने संन्ये स्वे (शांति) ७४.६ सहः शस्त्रनिपातानाम (द्रोण) २७.६ सहस्रजिच्च राजषिः (शांति)२३४.३१ सहस्र तुम्य मि युक्त्वा(शांति)२६.१२५ For P 5 Pesong use Dely

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