Book Title: Maha Sainik Hindi
Author(s): Pratap J Tolia
Publisher: Yogindra Yugpradhan Sahajanandghan Prakashan Pratishthan

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Page 17
________________ Second Proof Dt. 23-5-2017 - 10 • महासैनिक. "जय जगत्", "जय अहिंसा", "जय शान्ति" की प्रतिध्वनियाँ : Echoing effects. बाद में पार्श्वगीत... जनरल का कुछ मिनट बाबा के मृतदेह के पास घूटने टेक कर रुके रहना, पश्चाद्भू में गीत चालू -) पार्श्वगीत (समूहगान) "शांति के सिपाही चले, शांति के सिपाही"... लेके खैरख्वाही चले, रोकने तबाही चले... शांति के सिपाही चले..." (दूर बोम्बिग की एवं सैनिकों की कूच की आवाजें चालू...) "वैर-भाव तोड़ने, दिल को दिल से जोड़ने, काम को सँवारने, जान अपनी वारने, रोकने तबाही चले । शान्ति के..... विश्व के ये पासबाँ, लेके सेवा का निशाँ, भीरता से सावधाँ, चल पड़े हैं बेगुमाँ, रोकने तबाही चले । शान्ति के..... सत्य की सँभाल ढाल, अहिंसा की ले मशाल, धरती माँ के नौनिहाल, हैं निकल पड़े सचाल, रोकने तबाही चले । शान्ति के..... जय जगत(३) पुकारते, बढ़ रहे बिना रुके, लेके दिल के वलवले, अपने ध्येय को चले रोकने तबाही चले । शान्ति के..... पार्श्वगीत : श्लोकगान (स्त्री-स्वर) "नत्वहं काम मे राज्यं, ना स्वर्ग ना पुनर्भवम् । कायमे) दुःख तप्तानां, प्राणिनामार्त्तिनाशनम् ॥" जनरल : (बूढ़े बाबा के लिए प्रार्थना के पश्चात्, उसकी मृतदेह पर कपड़ा ओढ़ाते हुए, स्वगत) ऐसा सेनानी कभी हो सकता है ? - गांधी जैसा सेनानी, बाबा जैसा सेनानी ? (कुछ क्षण घूमता है, सोचता हुआ और प्रतिक्रिया व्यक्त करता हुआ) लेकिन मैं भी सेनानी नहीं ?... अगर गांधी और यह बाबा शांति के लिए काम करते थे तो मैं भी शांति ही के लिए युद्ध लड़ रहा हूँ... ! (गहन चिंतन में डूब जाता है और शीघ्रता से घूमता हैं। बाद में बाबा ने दिये हुए उस बंडल को खोलता है। प्रथम उसमें से टेइप रिकार्डर निकालता है और स्पीच दबाकर गांधीजी की एक (10)

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