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Second Proof Dt. 23-5-2017 -47
• महासैनिक.
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जनरल : अवश्य है । मेरे मन में अब उसके लिए कतई भी शंका नहीं रही। फिल्ड मार्शल : यह आप कैसे निश्चित कर पाये ? जनरल : ( बूढ़े बाबा की दफ़नाने की जगह दिखलाकर) एक दिन पहले ही यहाँ एक बूढ़ा सो चुका , और एक सौ साल पहले भारत में गांधी । इनके जीवन से, लिखावटों से और.... काल की विराट थप्पड़ खाने के मेरे ही हमारे ही इस जीते जागते अनुभव से मैं यह निश्चित कर सका । लैफ्टेनन्ट : लेकिन अहिंसा के प्रभाव के और हिंसक संग्राम की सफलता के सामूहिक बड़े पैमाने पर के कोई ठोस प्रमाण हैं ? जनरल : बेशक । एक : गांधी के मार्गदर्शक राजचंद्रजी की अहिंसा और प्रेम-बाघशेर जैसे क्रूर हिंसक पशुओं को भी प्रभावित कर मित्र बना सके।
दो : गांधी के अहिंसक सत्याग्रह भारत को आजादी दिला सके ।
तीन : गांधी के उत्तराधिकारी विनोबा अहिंसक ग्रामदान आंदोलन के जरिये भारत में सामाजिक-आर्थिक समानता स्थापित करने रक्तहीन क्रांति कर सके।
चार : मार्टिन ल्यूथर किंग अपनी आलाबामा की अहिंसक कूच के जरिये अमरिका में एक नया प्रभाव खड़ा कर सके ।
पांच : चेकोस्लोवालिया से नौजवान छात्र अहिंसक प्रतिकार द्वारा रुस की आक्रमक हपों को वापिस लौटाने में कामयाब हो सके। /
छ: अमरिकी.... सहृदय सज्जन सामूहिक उपवासो के द्वारा केपिटल को प्रभावित कर वियतनाम की हिंसक 6०००००००००००००००० क्रान्तिन्सेना कारक-मा
सात : इटली के 'डोलची' जैसे मामुली व्यक्ति गांधी के अहिंसापथ को अपनाकर अपने समाज को नई दिशा में मोड़ सके ।
और आठकों : हिंसा से त्रस्त और गांधी के अहिंसा-मार्ग से भ्रष्ट और पथच्युत बने भारत को उसकी शांतिसेना के नूतन बाल नेता बीसवीं शती के अंत में फिर पथ पर ला सके, इतना ही नहीं ... तीसरे विश्वयुद्ध में इ.स. २००) के लगभग भारत को दूसरे देशों के आक्रमण से बचा भी सके !
कहिये अब और सोचिये कि अहिंसक संग्राम सम्भव और व्यवहार्य है या नहीं ? लैपटेनन्ट : अद्भुत... ! सच ही स्वीकार्य है। फिल्ड मार्शल : बिल्कुल व्यवहार्य है यह -
यह) सब : बहुत ही ठीक है, बहुत ही ठीक है। मार्शल : बहुत ही अच्छी सफाई) है या साहब । लेकिन हमें आज के Space Age में इसे लागू करना हो तो किस प्रकार कर सकते हैं ?