Book Title: Maha Sainik Hindi
Author(s): Pratap J Tolia
Publisher: Yogindra Yugpradhan Sahajanandghan Prakashan Pratishthan

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Page 59
________________ Second Proof Dr. 23-5-2017.52 • महासैनिक. मार्शल : (डोक्टर से) जल्दी करें डोक्टर जल्दी करें.... ! (सभी suspense में) जिसस, सुकरात, गांधी, केनैड़ी.... क्या शांति के पथ पर ये बलिदान पर्याप्त नहीं प्रभो ! अभी अनेकों की इस कतार में जनरल व्हाइट फिल्ड भी आपको चाहिए.....? इन शांति-प्रेम के किस्से के लिए क्रोस ही कब तक, ताज कब ? 'शूल' ही कब तक, 'फूल' कब ? साथियों ! डोक्टर कोशिश कर रहे हैं, हम जनरल की जिंदगी के लिए परमात्मा से मौन प्रार्थना करें - (सब प्रार्थना में मौन ही बैठते हैं।) (सभी उत्सुक है, मिनिस्टर रोते हैं, डोक्टर कार्यमग्न हैं, जनरल प्रसन्न बदन पड़े हैं -) पार्श्वगीत पंक्ति (रवीन्द्र गीत) "हिंस्राय उन्मत्त पृथ्वी, नित्य विठुर द्वंद्व, घोर कुटिल पंथ तार, लोभ जटिल बंध - नूतन तब जनम लागि, कातर जत प्राणी, करो प्राण, महा प्राण, आओं अमृत बानी विकसित कर प्रेम पर्थ चिर मधु निष्यंद, शांत है, मुक्त है, हे अनंत पुण्य... करुणाकछिन ! धरती तल पारी कलन्ध शून्य (रवीन्द्रनाथ) _ णी डोक्टर : जनरल बच गये हैं ..... मार्शल : जनरल साहब बच गये । प्रभुने प्रार्थना सुन ली..... सभी ( सानंद): "जय जगत्, जय शान्ति" "जय जनरल, जय गांधी" पार्श्वघोष : बाबा की वाणी (टेइप से) __ "जनरल साहब ! आप एक सेनानी हैं । परमात्मा आपको एक सचमुच ही बहादुर सेनानी बनाएँ - बिना हिंसक हथियारों के, बिना नफरत के सेनानी ! गांधी से भी आगे बढ़े हुए सेनानी.... ।" , जनरल (सानंद, उठकर) शुक्र है खुदा का, बाबा का और आप सब का कि गांधी और बाबा जैसे महासैनिक के पथचिन्हों पर चलने मुझे जिंदगी बख्शी सचमुच ही बाबा एक महासैनिक था... गांधी एक महासैनिक था - शांतिसैनिक लीडर : और आप भी एक महासैनिक ही हैं। (52) .01.1.

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