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Second Proof Dt. 23-5-2017.22
महासैनिक.
मार्शल : (प्रगट) : अहिंसा के महासैनिक गांधी... अहिंसा के महासैनिक गांधी ! बड़ी अजीब बात
(घूमता है और स्वीच दबाकर टेइप रिकार्डर चालु कर खिड़की से दूर देखता रहता है । टेइप सुनकर सोचता रहता है।) पार्श्ववाणी : प्रवक्ता : पुरुष स्वर (टेइप से)
"गांधी संसार के सबसे बड़े योद्धा थे - हिंसक युद्धों के विरोधी और अहिंसक युद्धों के महासैनिक, सत्याग्रही । धरती पर से जिन का सूरज कभी ढ़लता नहीं था वैसे ब्रिटिश एम्पायर को उन्होंने हिला दिया... । उनका नया 'अहिंसक दल' अंग्रेजों के लिए एक सरदर्द था, एक चुभता हुआ तीर था, उन्हें तंग कर देने वाला एक बड़ा निराला बम था !...
"दक्षिण आफिका का सत्याग्रह, रालैट एक्ट - 'काले कानून' - का सविनय भंग, जलियाँवाला काण्ड के खिलाफ सामूहिक सत्याग्रह, खिलाफ़त आंदोलन, चौरीचौरा सत्याग्रह पर का असहयोग आंदोलन ऐतिहासिक दांडीकूच, १९४२ का भारत छोड़ो आंदोलन इन सभी अहिंसक संग्रामों ने सिद्ध कर दिया कि गांधी एक ऐसा निराला योद्धा था, एक ऐसा महासैनिक था जो कि मानव इतिहास में पहले कभी पैदा नहीं हुआ.... ॥ मार्शल : (टेइप की.... पार्श्ववाणी से प्रभावित होकर उसे सोचते और दोहराते हुए -)
"गांधी ! - एक ऐसा महासैनिक, जो कि मानव इतिहास में पहले कभी पैदा नहीं हुआ !" ('गांधी - एक महासैनिक' किताब पढ़ता हुआ मार्शल बैठ जाता है।) ( वाद्यसंगीत : अंधेरा : पर्दा गिरता है।) ( यहाँ तीसरा दृश्य और दूसरा अंक समाप्त)
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