Book Title: Maha Sainik Hindi
Author(s): Pratap J Tolia
Publisher: Yogindra Yugpradhan Sahajanandghan Prakashan Pratishthan

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Page 28
________________ Second Proof Dt. 23-5-2017 21 मार्शल : ख्वाब ? आप जैसे के ख्वाब की बात भी जनरल : (मार्शल का वाक्य काटते हुए ) - बड़ी दिलचस्प भी हैं, अजीब भी हैं और उलझन में डालनेवाली भी ! • महासैनिक • - मार्शल : अगर आपको कष्ट न हो तो क्या मैं वह जान सकता हूँ ? जनरल वही गांधी के मार्गदर्शक की बाघों वाली और अहिंसा की ताकतवाली बात, जिसे कल रात तुम पढ़ रहे थे..... 1 मार्शल : ओह.... मुझे भी वह बड़ी अजीब और दिलचस्प लगती थी घड़ीभर जी में आया कि रात उस किताब को पढ़ डालूँ, लेकिन इन प्लानों को तैयार करने का फर्ज़ सामने था इसलिए अपने को रोक लिया । जनरल : ओह ! तुम्हें भी इतनी दिलचस्पी है तो लो ये किताबें, ज़रुर पढ़ लो । पढ़ने के बाद तुम से बहस करने से शायद हम कुछ ज़्यादा समझ सकें। यह लो मार्शल को "गांधी- एक सत्यशोधक" एवं गांधी- एक महासैनिक", "गांधी के आध्यात्मिक मार्गदर्शक" ये तीन किताबें देता है ।) मार्शल : बहुत बहुत शुक्रिया, साहब ! जनरल इसे तुम देख जाओ, मैं तैयार हो जाता हूँ। बाद में हम हमारे प्लान्स के बारे में सोचेंगे और इस बारे में बहस भी करेंगे और तुम इस टेप रिकार्डर का भी उपयोग कर सकते हो । 1 (21) मार्शल : बहुत अच्छा, साहब । ( जनरल टैन्ट के अंदर जाता है, प्रातः कर्म निपटाता है मार्शल ('गांधी- एक सत्यशोधक' एवं 'गांधी के आध्यात्मिक मार्गदर्शक किताबें पढ़ते हुए - ) - " अपने अहिंसक मार्गदर्शक के बारे में गांधी ने खुद कहा था - 'मुझ पर सबसे ज्यादा असर और उपकार रायचंदभाई ( श्रीमद् राजचंद्र ) का है। खून करनेवाले से भी प्रेम करने का दयाधर्म उन्होंने मुझे सीखाया है। मैंने उनसे इस धर्म का आकंठ है.....।' इस प्रकार श्रीमद राजचन्द्र के जीवनभर के प्रभाव ने गांधी को अहिंसा तत्त्व को अपनाने और विकसित करने में सहायता की। बाहरी और भीतरी आसुरी बलों से लड़ने का आदर्श उन्हें अपने प्रिय धर्मग्रंथ गीता से प्राप्त हुआ था । इसी आदर्श के साथ उन्होंने अहिंसा के तत्त्वको दिया और अपने अहिंसक प्रतिकार या शांत सत्याग्रह के हथियार का निर्माण किया....... और इस प्रकार.... इस प्रकार 'सत्यशोधक गांधी' से 'अहिंसा के महासैनिक' ऐसे गांधी का जन्म हुआ... !" ( वाद्यसंगीत । मार्शल का रुक जाना। 'गांधी एक सत्यशोधक' किताब रख देना और 'गांधी एक महासैनिक' किताब खोलकर घूमते हुए और खिड़की के पास खड़े खड़े मन ही मन पढ़ते रहना... वाद्यसंगीत लगातार चालु । ) १७.

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