Book Title: Maha Sainik Hindi
Author(s): Pratap J Tolia
Publisher: Yogindra Yugpradhan Sahajanandghan Prakashan Pratishthan

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Page 44
________________ Second Proof Dt. 23-5-2017-37 (जनरल सामने लटकते हुए इसी सूत्र वाले चार्ट को और गांधी की रेखा छबि को देखते रहते हैं.... उनकी आंखों से पहली बार आंसू निकलकर बहते रहते हैं टेइप से पार्श्वगीत पंक्ति आती है - ) - • - पार्श्वगीत पंक्ति (स्त्री स्वर ) "गर्व कियो सोई नर हार्यो..." (वाद्यसंगीत ) जनरल : (दोहराते हुए ) "दूसरे देशों को मिटानेवाले देश खुद ही मिट जाते हैं !" कितना सच है यह, लेकिन लेकिन ( दर्द से ) अफसोस ! मैंने गर्व में यह नहीं माना और मेरा ही देश... मेरा ही परिवार... ( रो देता हैं ।) (वाद्यसंगीत) पाश्र्ववाणी ( चालु टेइप से मिटाओ... इस प्रकार मिटने 0000000 1" - पुरुष स्वर ) "अगर मिटाना है तो अपने को मिटाओ, अपनी खुदी को मिटाने से शायद कुछ अद्भुत हाथ लग जायेगा और तुम देखोगे कि पार्श्वगीत ( पुरुष स्वर : शेर ) "अगर कुछ मरतबा चाहो, मिटा दो अपनी हस्ती को, कि दाना खाक में मिलकर गुले गुलज़ार होता है ।" (संकलित ) • महासैनिक • (जनरल आँसू बहाता हुआ सो जाता है। मार्शल टेड़प बंद करता हैं। इतने में मिलीट्री डोक्टर आते हैं - दबे पाँव । चुपचाप संकेत से मार्शल बात कर नब्ज़, सर, छाती देखते हैं जनरल की ) मार्शल बहुत अच्छा डोक्टर ! : डोक्टर : (मार्शल से) फिकर का कोई कारण नहीं, साहब ! tension और shock का असर है। अब सोने दें उन्हें जागने पर ये Pills आप दे दें। Good Bye (जाते हैं । ) 1 (वाद्यसंगीत / खामोशी / जनरल निद्राधीन / मार्शल किताबे देखते हुए बैठे हुए। बाद में उस चार्ट के के पास जाकर स्वगत बोलते हुए । ) सूत्र मार्शल : क्या सोचा था, क्या हो गया ।..... ( दर्द से ) "गर कोई लाख बुरा चाहे तो क्या होता है, वही होता हैं, जो मंजूरे खुदा होता है...।" (37)

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