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Second Proof Dt. 23-5-2017-9
(बूढ़े बाबा एक गहरी सांस लेकर आह भरते हैं और दर्द अनुभव करते हुए अपने जीवन का अंत निकट देखते हैं... वाद्य संगीत का पश्चार्द्रभूमि से मंद स्वर....)
मैंने इन सारी बातों के बारे में आप से और भी बहस की होती, जनरल साहब ! लेकिन..... लेकिन... (स्वस्थता और स्थितप्रज्ञ वृत्ति के साथ) लगता है कि मेरी जिंदगी का अंत अब नज़दिक आ रहा है.......
• महासैनिक
जनरल : (सचिंत ) ओह, बाबा.....
बूढ़े बाबा पर जाते हुए आप को मेरी मिलकत, मेरी संपत्ति, एक अनमोल संपत्ति भेंट दिए जा रहा हूँ...। गांधी एक कामयाब अहिंसक सेनानी किस प्रकार थे इस बात को वह और साफ़ सुझाएगी.... लिजिए यह...
( बाबा जनरल को एक बंडल अपनी पीठ पर बांधा हुआ उतारकर देते हैं। बंडल में हैं - कुछ फिल्मस्ट्रीप्स, फॉटोग्राफ्स, गांधी के संदेश और जीवनकथा के रिकार्डेड अंशोवाला छोटा सा टेड़प रिकार्डर एवं निम्न किताबें “Mahatma”, “The Last Phase", "सत्य के प्रयोग अथवा आत्मकथा", "गांधी- एक सेनानी", "गांधी एक सत्यशोधक", "गांधी के आध्यात्मिक मार्गदर्शक इत्यादि । सभी किताबों के शीर्षक मुखपृष्ठ पर दूर से पढ़े जा सके इस प्रकार के बड़े हैं..... ) जनरल : ( बंडल को उठाते हुए, आभारवश) आप का बहुत बहुत शुक्रिया, बाबा ....
बूढ़े बाबा : इसे मेरी स्मृति के रूप में सम्हालिए। इस में गांधी के बारे में कुछ फोटो, कुछ फिल्में, कुछ किताबें और कुछ उन्हीं की स्पीचों के टेइप रिकार्ड भी हैं....
जनरल : गांधी की खुद की स्पीचें ?
बूढ़े बाबा : जी हाँ, आप जैसे लायक इन्सान की राह में मैं इन सभी को लंबे अर्से से सम्हाले हुए था । ये आप को सब कुछ कहेंगी और ज़रुरत के वक्त रास्ता भी दिखाएंगी......
जनरल : ऐसी किमती भेंट के लिए आप का मैं बहुत ही शुक्रगुजार हूँ। आप को मैं कभी भुल नहीं सकूंगा, बाबा !
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बड़े बाबा मैं आप से विदा लूंगा ( एक संयमी आत्मदर्शी स्थितप्रज्ञ होने के नाते समानतापूर्वक गहरी सांस लेकर देह छोड़ते हुए - ) जाते समय आप के लिए मेरा यह संदेश है और प्रार्थना है, जनरल साहब! कि, आप एक सेनानी हैं। परमात्मा आप को एक सचमुच ही बहादुर सेनानी बनाएँ बिना हिंसक हथियारों के, बिना नफ़रत के, सेनानी ! गांधी से भी आगे बढ़े हुए सेनानी !! ( दूर बोम्बिंग की आवाजें ) सारे संसार को तबाह करने वाला यह युद्ध आप ही के जरिये रोका जाय और मेरा सपना सच बने....
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इस शरीर को छोड़ने से पहले की मेरी यह गहरी प्रार्थना है.... भगवान आप का कल्याण (भला ) करें... ! अल्विदा... जय जगत्... जय अहिंसा... ! जय शा... न्ति !! ( मरते है ) ( पाश्र्ववाद्यसंगीत एवं
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