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1084. अन्तराय कर्म का क्षयोपशम कौनसे गुणस्थान तक होता है?
उ. पहले से बारहवें गुणस्थान तक। 1085. अन्तराय कर्म का उपशम कौनसे गुणस्थान तक होता है?
उ. अन्तराय कर्म का उपशम नहीं होता। 1086. अन्तराय कर्म का क्षय कौनसे गुणस्थानों में होता है?
उ. अन्तराय कर्म का क्षय तेरहवें, चौदहवें गुणस्थान एवं सिद्धों में होता है। 1087. दानान्तराय कर्म के क्षयोपशम से किस-किस ने उत्कृष्ट भोग से दान देकर
पुण्य का अर्जन किया था? उ. सुख-विपाक की सारी घटनाएं दानान्तराय कर्म के क्षयोपशम से सम्बन्धित
है। जैसे—कयवन्ना का कथानक भी प्रसिद्ध है।
कर्म-दर्शन 229