Book Title: Kalyan Kalika Part 1
Author(s): Kalyanvijay Gani
Publisher: K V Shastra Sangrah Samiti Jalor
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ज्योतिष लक्षणे-वास्तु मुहूर्ता]
नारदजीना मते गृहनिर्माणना महीनासौम्यफाल्गुन वैशाख-माघ श्रावण कार्तिकाः। मासास्युगृहनिर्माणे, पुत्रपौत्रधनप्रदाः ॥७१७।।
भा०टी०-मार्गशीर्ष फाल्गुण वैशाख माघ श्रावण कार्तिक आ महीना गृह निर्माणमा पुत्र पौत्र धनने आपनारा छे.
नारदजीना मते गृहनिर्माणमा सौरमासोगृहसंस्थापन सूर्ये, मेषस्थे शुभदं भवेत् । वृषस्थे धनवृद्धिः स्यात्, मिथुने मरणं ध्रुवम् ॥७१८॥ कर्कटे शुभदं प्रोक्तं, सिंहे भृत्यविवर्धनम् । कन्या रोगं तुला सौख्यं, वृश्चिके धनवृद्धिदम् ॥७१९॥ कार्मुके तु महाहानि-मकरे स्याद्धनागमः । कुंभे तु रत्नलाभः स्याद् , मीने सद्य महाभयम् ॥७२०॥
भाण्टी--मेषना सूर्यमां गृहारंभ शुभदायक थाय छे, वृपभनासूर्यमां धन वृद्धि, मिथुनना सूर्यमा मरण दायक. कर्कमां शुभद, सिंहमां भृत्यवृद्धि, कन्यामां रोग, तुलामां सुख, वृश्चिकमां धनवृद्धि, धनुमा महाहानि, मकरमां धननुं आगमन, कुंभमां रत्नलाभ, अने मीनना सूर्यमा आरंभेल गृह महाभय अने शोकदायक थाय छे.
वास्त्वारंभना नक्षत्रो गर्ग कहे छेत्र्युत्तरामृगरोहिण्यां, पुष्ये मैत्रे करत्रये । धनिष्ठा द्वितये पौष्णे, गृहारंभः प्रशस्यते ॥७२१।।
भाटी०-उत्तरा फाल्गुनि, उत्तराषाढा, उत्तराभाद्रपदा, मृ. गशीर्ष रोहिणी, पुष्य, अनुराधा, हस्त, चित्रा, स्वाति. धनिष्ठा, शतभिषा, रेवती, अ नक्षत्रोमां गृहारंभ करवो शुभ गणाय छे,
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