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प्रमेयद्योतिकाटीका प्र०२
नपुंसकस्वरूपनिरूपणम् ५२५ मूलम्--‘से किं तं णपुंसगा? णपुंसगा तिविहा पन्नत्ता तं जहाणेरइयणपुंसगा तिरिक्खजोणियणपुंसगा मणुस्सजोणियणपुंसगा । से कि तं नेरइयणपुंसगा ? नेग्इयणपुंसगा सत्तविहा पन्नत्ता तं जहा रयणप्पभापुढविनेरइयणपुंसगा सकरप्पभापुढविनेरइयणपुंसगा जाव अहे सत्तमपुढविनेरइयणपुंसगा से तं नेरइयणपुंसगा। से कि तं तिरिक्तजोणियणपुंसगा ? तिरिक्खजोणियणपुंसगा पंचविहा पन्नत्ता तं जहा एगिदियतिरिक्खजोणियणपुंसगा बेइंदियतिरिक्खजोणियणपुंसगा, तेइंदियतिरिक्खजोणियणपुंसगा चउरिदियतिरिक्खजोगियणपुंसगा पंचिंदियतिरिक्ख जोणियणपुंसगा। से के तं एगिदियतिरिक्ख जोणि यणपुंसगा ? एगिदियतिरिवखजोणियणपुंसगा पंचविहा पन्नत्ता, तं जहा पुढवीकाइयएगिदितिरिक्खजोणियणपुंसगा' आउकाइयएगिदियतिरिक्खजोणियणपुंसगा, तेउकाइयएगिदियतिरिक्खजोणिय णपुंसगा वाउक्काइयएगिदियांतरिक्खजोणियणपुंसगा, वणस्सइकाइयएगिदियतिरिक्खजोणियणपुंसगा, से तं एगिदियतिरिक्खजोणियणपुंसगा। से किं तं बेइंदियतिरिक्खजोणियणपुंसगा ! बेइंदियतिरिक्खजोणिय णपुंसगा अणेगविहा पन्नत्ता से तं बेइंदियतिरिक्ख जोणियणपुंसगा। एवं तेइंदिया वि चउरिदिया वि। से कि तं पंचिदियतिरिक्व
वाला होता है उसी प्रकार से पुरुष वेद का प्रारम्भ तीव्ररूप से होता है फिर शीव शान्त हो जाता है 'सेत्तं पुरिसा' इस प्रकार से यह भेद प्रभेदो को लेकर पुरुषो का निरूपण किया गया है।
पुरुष प्रकरण समाप्त । सूत्र ॥१२॥ તે પ્રારંભમાં તીવ્ર દાહ વાળ હોય છે, એજ પ્રમાણે પુરૂષ વેદ પણ પ્રારંભમાં તીવ્ર હોય છે भने पछी नही शान्त नय छ "से तं पुरिसा" मा प्रमाणे माले प्रमेहाने बन પુરૂષનું નિરૂ રણ કરવામાં આવ્યું છે. પુરૂષ પ્રકરણ સમાપ્ત સૂ૦ ૧૨ા