Book Title: Jivajivabhigamsutra Part 01
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 624
________________ ६०२ . mana .............. जावाभिगमसूत्र ‘संखेज्जगुणा' खेचरस्त्र्यपेक्षया स्थलचलपञ्चेन्द्रियतिर्यग्योनिकपुरुषाः संख्येयगुणाधिका भवन्ति । 'थलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणित्थियाओ संखेज्जगुणाओ' स्थलचरपुरुपापेक्षया स्थलंचरपञ्चेन्द्रियतिर्यग्योनिकस्त्रियः संख्येयगुणा अधिका भवन्ति त्रिगुणितत्वादिति । 'जलयरतिरिक्खजोणियपुरिसा संखज्जगुणा' स्थलचरस्त्र्यपेक्षया जलचरतिर्यग्योनिकपुरुषा. सख्येयगुणा अधिका भवन्ति । 'जलयरतिरिक्खजोणियत्थियाओ संखेज्जगुणाओ' जलचरपुरुषापेक्षया जलचरतिर्यग्योनिकस्त्रियः सख्यातगुणा अधिका भवन्ति । पुरुपापेक्षया त्रिगुणाधिकत्वात् इति । 'खहयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियणपुंसगा असंखेज्जगुणा' जलचरस्त्र्यपेक्षया खेचरपञ्चेन्द्रियतिर्यग्यो निकनपुंसका असख्येयगुणाधिका भवन्ति । 'थलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियणपुंसगा संग्वेज्जगुणा' खेचरनपुंसकापेक्षया स्थलचरपञ्चेन्द्रियतिर्यग्योनिकनपुंसकाः सख्येयगुणाअधिका भवन्ति । 'जलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियणपुंसगा संखेज्जगुणा' स्थलचरनपुंसकापेक्षया जलचरपञ्चेअपेक्षा स्थलचर पञ्चेन्द्रियतिर्यग्योनिक पुरुष सख्यातगुणे अधिक है। 'थलचरपंचिंदियतिरिक्ख जोणित्थियाओ संखेज्जगुणाओ' स्थलचर पुरुपो की अपेक्षा स्थलचर पञ्चेन्द्रिय तिर्यग्योनिक स्त्रियाँ संख्यात गुणी अधिक है । क्योकि पुरुपो की अपेक्षा स्त्रियाँ तिगुनी होती है । 'जलयरतिरिक्खजोणियपुरिसा सखेज्जगुणा' स्थलचर स्त्रियों की अपेक्षा जलचरतिर्यग्योनिकपुरुपसंख्यातगुणे अधिक है "जलचरतिरिक्खजोणित्थियाओ संखेज्जगुणाओ' जलचर पुरुपो की अपेक्षा जलचरतिर्यग्योनिकस्त्रियाँ संख्यात गुणी है ।क्योकि पुरुपो की अपेक्षा स्त्रियों का प्रमाण तिगुना कहा गया है । 'खहयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियणपुंसगा असंखेज्जगुणा' जलचरस्त्रियो की अपेक्षा खेचर पञ्चेन्द्रिय तिर्यग्योनिक नपुंसक असख्यात गुणे अधिक हैं । "थलयर पंचिंदियतिरिक्खजोणियनपुंसगा संखिज्जगुणा' खेचर पंचेन्द्रियतिर्यग्योनिक नपुंसक की अपेक्षा स्थलचर पञ्चेन्द्रिय तिर्यग्योनिक नपुंसक सख्यातगुणे अधिक होते है । "जलयरपंचिंस्त्रियो ४२ता स्थसयर प यन्द्रिय तिय योनि पुरुषी सध्यातसा पधारे छ. "थलचर पर्चि दियतिरिक्खजोणित्थियाओ संखेज्जगुणाओ" स्थलय२ ५३षी ४२ता स्थसयर पांच दियो पाणी स्त्रियो सभ्यात मी बधारे छ भ-५३षी ४२ता स्त्रियो त्रय गाणी डाय छे. 'जलयरतिरिक्खजोणियपुरिसा संखेज्जगुणा" स्थस२ त्रियो रतi reA२ तिर्य ध्यान पुरुषो सण्यात गए! क्यारे छ "जलयरतिरिक्खजोणित्थियाओ संखेजगुणाओ" reय२ पु३षो કરતાં જલચર તિર્યનિક સ્ત્રિ સંખ્યાત ગણી છે કેમકે-પુરૂષો કરતા સ્ત્રિોનું પ્રમાણ ત્રણजगार उपामा मावेस छ, “खहयरपंचिदियतिरिक्खजोणियणपु सगा असंखेज्जगुणा" यर સ્ત્રિ કરતાં ખેચર પાંચ ઈદ્રિય વાળા તિર્યોનિક નપુસકે અસંખ્યાતગણું વધારે છે. "थलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियणपुंसगा संखेज्जगुणा" मेयर पांय द्रिय पतियગેનિક નપુંસકે કરતાં સ્થલચર પાચ ઈન્દ્રિય વાળા તિયાનિક નપુંસકે સંખ્યાત ગણા धारे हाय छ "जलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियनपुंसगा संखेज्जगुणा" २५सय२ न.

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