Book Title: Jivajivabhigamsutra Part 01
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 654
________________ जीवाभिगमसूत्रे ६३२ धिका भवन्तीति । 'भवणवासिदेवपुरिसा असंखेज्जगुणा' सौधर्मकल्पदेवस्त्र्यपेक्षया भवनवासिदेवपुरुषा असख्येयगुणाधिका भवन्तीति । 'भवणवासिदेवित्थियाओ संखेज्जगुणाओ' भवनवासिदेवपुरुषापेक्षया भवनवासिदेव स्त्रियः सख्यातगुणाधिका भवन्ति । 'इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए णेरइयणपुंसगा असंखेज्जगुणा' भवनवासिदेवस्त्र्यपेक्षया एतस्यां रत्नप्रभायां पृथिव्यां नारकनपुंसका असख्यातगुणाधिका भवन्तीति, 'खहयरतिरिक्खजोणियपुरिसा संखेज्जगुणा' रत्नप्रभानारकनपुंसकापेक्षया खेचरतिर्यग्रयोनिकपुरुषाः सख्येयगुणाधिका भवन्ति । 'खहयरतिरिक्खजोणित्थीओ संखेज्जगुणाओ' खेचरतियगयोनिकपुरुषापेक्षया खेचरतिर्यगयोनिकस्त्रियः सख्येयगुणाधिका भवन्तीति । 'थलयरतिरिक्खजोणियपुरिसा संखेज्जगुणा' खेचरतिर्यग्योनिकस्यपेक्षया स्थलचरतिर्यग्योनिकपुरुषाः संख्येयगुणाधिका भवन्तीति । 'थलयरतिरिक्खजोदेवस्त्रियों की अपेक्षा संख्यातगुणे अधिक है । सोहम्मे कप्पे देवित्थियाओ संखेज्जगुणाओ" सौधर्म कल्प में जो देवस्त्रियाँ है वे सौधर्म कल्प के देवपुरुषो की अपेक्षा संख्यातगुणी अधिक है । "भवणवासिदेवपुरिसा असंखेज्जगुणा" सौधर्मकल्प की देवस्त्रियो की अपेक्षा भवनवासी देवपुरुप असंख्यातगुणे अधिक है । "भवणवासिदेवित्थियाओ संखेज्जगुणाओ" भवनवासी देवस्त्रियाँ भवनवासी देवपुरुषो की अपेक्षा सख्यातगुणी अधिक हैं । "इमीसे रयणप्पभाएपुढवीए णेरइयपुंसगा असंखेज्जगुणा" भवनवासि देवस्त्रियो की अपेक्षा इस रत्नप्रभा पृथिवी में जो नारकनपुंसक है वे असंख्यातगुणे अधिक है। "खहयरतिरिक्खजोणियपुरिसा संखेज्जगुणा" रत्नप्रभा पृथिवी के नैरयिक नपुंसकों की अपेक्षा वेचरतिर्यग्योनिक पुरुष संख्यातगुणे अधिक हैं। "खहयरतिरिक्खजोणियत्थियाओ संखेज्जगुणाओ" खेचरतिर्यग्योनिक पुरुषो की अपेक्षा खेचरति र्यग्योनिक स्त्रियाँ सख्यातगुणी अधिक हैं। 'थलचरतिरिक्खजोणिय पुरिसा संखेज्जगुणा" खेचरतिर्यग्योनिक स्त्रियो की अपेक्षा स्थलचरतिर्यग्योनिक पुरुष सख्यातगुणे अधिक है। "थलचरतिरिक्खजोणित्थियाओ संज्जगुणाओ" स्थलचर तिर्यग्योनिक स्त्रिया छ, तमा सीधभयना हेवपुषा ४२ता सध्यातगणी वधारे छ. "भवणवासिदेवपुरिसा असंखेज्जगुणा" सौधम ४८५नी पस्त्रिया ४२॥ सपनपासिव ५३पी असण्यातधारे छ. "भवणवासिदेवित्थियाओ संखेज्जगुणाओ" सपना पासी वस्त्रय। सपनपासि हेव ५३५ो ४२ता सभ्याती पधारे छ. "इमीसे रयण प्पभाए पुढवीप णेरइयणपुंसगा असंखेज्जगुणा" भवनवासी देवस्त्रिया ४२ता सा रत्न प्रमा पृथ्वीमा रे ना२४नस। छ, त्यो असण्यानni, qधारे छे “खहयरतिरिक्खजोणियपुरिसा संखेज्जगुणा" २त्नमला पृथ्वीना ने२यि४ नस। ४२di मेयरतिय योनि ५३१ सध्यात! वधारे छ. "खहयरतिरिक्खजोणियत्थियाओ संखेज्जगुणाओ" य२तिय-योनि ५३।४२त मेयर तिययानि स्त्रिया - सध्यातगणी पधारे छे "थलयर तिरिक्खजोणियपुरिसा संखेज्जगुणा' यतिय योनि स्त्रियो- ४२ता स्थायर तिय योनि

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