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बचाई तहां ते सबै दुःख टालो। जब जानकी रामने थी निकारी,
धरे गर्भ को भार उद्यान डारी । रटो नाम तेरो सबै सौख्यदाई,
करी दूर पीड़ा सु छिन ना लगाई। विसन सात सेवे करे तस्कराई,
अंजन जु तारो घड़ी ना लगाई। सहे अंजना चंदना दु:ख जते,
गये भाग सारे जरा नाम लेते ।। घड़े बीच में सास ने नाग डारो,
भलो नाम तेरो जु सोमा संभारो। गई काढ़ने को भई फूल माला,
भई है विख्यातं सबै दुःख टाला ॥ इन्हें आदि देके कहाँलों बखाने,
सुना विरद भारी तिलोक जानें । अजी नाथ मेरी जरा ओर हेरो,
बड़ी नाव तेरी रतो बोझ मेरो ॥ गहो हाथ स्वामी करो वेग पारा,
कहूं क्या अब आपनी मैं पुकारा । सबै ज्ञान के बीच भासी तुम्हारे,
करो देर नाहीं अहो शांति प्यारे ॥