Book Title: Jin Samasta Ardhyavali Sangraha
Author(s): ZZZ Unknown
Publisher: ZZZ Unknown
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चन्देरी पपौरा हस्तिनापुर अयोध्या राजगृही चमत्कारजी श्रीमहावीरजी पद्मपुरी तिजारा बड़ागांव आदि अतिशयक्षेत्रेभ्यो नमः, श्री चारणऋद्धिधारी सप्तपरमषिऋभ्यो नमः, ओं ह्रीं श्रीमंतं भगवन्तं कृपावन्तं श्रीवृषभादि महावीरपर्यन्तं चतुविंशति-तीर्थंकर-परमदेवं आद्यानां आये जम्बूद्वीपे
भरतक्षेत्रे आर्यखंडे ..... नाम्नि नगरे मासानामुत्तमे <......शुभे....> मासे शुभे <.....शुभे....> पक्षे शुभ <......शुभे....> तिथौ <......शुभे....> वासरे मुनि-आर्यिकानां श्रावक-श्राविकाणां स्वकीय सकल-कर्म क्षयार्थं अनर्घ्यपद-प्राप्तये जलधारा सहित महाऱ्या
सम्पूर्णाऱ्या निर्वपामीति स्वाहा। (मास, पक्ष, दिन की जानकारी ना होने पर “शुभे” का प्रयोग करें)
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