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थाहरुशाह कागळमो हस्तलिखित ग्रंथभंडार - जैसलमेर दुर्ग
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पत्र संख्या
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२३० ग्रंथांक |
ग्रंथन नाम ४६१.... ब्रह्मचर्यनववाडगीत ....... ४६२..../चतुःशरण................. ४६३..... ऋषभरतवन .......................... -पुण्यसागर
ब्राह्मणवाडमहावीरस्तवन ... रूपकमाला ........... लोककथा ... कर्मवत्रीसी.. सौभाग्यपंचमीस्तवन ..
समयसुंदर ................ स्थंभनपार्श्वनाथस्तवन.. तिजयपहुत्त (सप्तति शतं) स्तोत्र ....... वैद्यकसारपंचाशिका ..
राजप्रमोदगणि .......... साधु (मुनि) मालिका.
.........१७०१ दादागुरुगीत..
रंगविजयगणि मिथ्यात्वस्थानककुलक..... ४७५. पार्श्वनाथजिनमाला. ४७६ नवकाररास.
विक्रमादित्यकथा...................... गीतमपृच्छा स्तवन ................... आराधना बालायबोध (संक्षिप्त प्राकृत).................... सुमतिकुमाररास + सनत्कुमार चौपई .........................
१६४९ भक्तामर स्तोत्र..........
-मानतुंगसूरि .................... १६२९ | चौवीसदंडक ....... ४८३.... ऋषभस्तवन ............
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अतिरिक्त मिले वादमे, .द.जौहरीमलजी पारख
अतिरिक्त मिले बादमे. .द.जौहरीमलजी पारख
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४८४....राममंदोदरीसंवाद ........
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