Book Title: Jesalmer ke Prachin Jain Granthbhandaron ki Suchi
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Motilal Banarasidas
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भंडार
ग्रंथांक
कर्ता
संख्या
संस्था
--
...
....---...१७४६
४-४३
त.का./20
इं.का. ८४२
....१८१४
सर्व ग्रंथों का अकारादिक्रम - परिशिष्ट १.४७३ ग्रंथर्नु नाम
भंडार संवत
__ ग्रंथांक | नाम ग्रंथनुं नाम
| संवत् नाम जि.का १३३/ १० बडावश्यकसूत्र ......
जि.का. १९४/६ ० षष्टिशतप्रकरण........... नेमिचंद्र भंडारी ................... जि.का १४५८ षडावश्यकसूत्र अपूर्ण ............
जि.का ७५४/१ षष्टिशतप्रकरण......... नेमिचंद्र भंडारी ... जि.का १४६० पडावश्यकसूत्र सस्तवक.......
जि.का १३२६/१४० षष्टिशतप्रकरण....
नेमिचंद्र भंडारी ............. जि.का ११८७ घडावश्यकसूत्रबालावबोध.......
जि.का १९१७ पष्टिशतप्रकरण......... नेमिचंद भंडारी.. ...... जि.का २१९८ पडावश्यकसूत्रवालावबोध अपूर्ण तरुणप्रभसूरि
.....५१ जि.का १५६८० पष्टिशतप्रकरण............ भंडारी नेमिचंद्र जि.ता.१३६/१ • घडावश्यकसूत्रवृत्ति .............. नमिसाधु .
.र.११२२ .....१-९१ जि.का १५७० पष्टिशतप्रकरण बालाबवोधसह भंडारि नेमिचंद्र-मू......... र.१४९६ |.....२४४ .ले.१२९८
वा.क. सोमसुंदरसूरि जि.ता. १३७ ०पडावश्यकसूत्रवृत्ति.............. नमिसाधु ................ र.११२२ ..१४६ जि.का.५५६ पष्टिशतप्रकरण बालावबोधसह ... नेमिचन्द्र भंडारी -मू.क...... १४९८ ...... २५ .ले.१४००
बा.क.सोमसुंदरसूरि लों.का १५८ षडावश्यकसूत्राणि व पाठ ......
.१८ जि.का, १५६९ पष्टिशतप्रकरण बालावबोधसह... भंडारी नेमिचंद्र मू..बाला.. र.१४९६/षडावश्यकसूत्राणि सह बालावबोध, ...............१६००
सोमसुंदरसूरि पड़ आवश्यक बालायबोध ...... सोमचंद्र ...............
३५६/१ ० षष्टिशतप्रकरण सस्तबक ....... | नेमिचंद्र भंडारी... इं.का. ४२५ षड् आवश्यकसूत्राणि सह .....
...................१९२५
१६१२ पष्टिशतप्रकरण.. ............ नेमिचंद्र भंडारी बालावबोध
| जि.का ११५७ पष्टिसंवत्सर ..... खू.का. ५३९ घड़शीतक बालावबोध ............ मतिचंद्रमुनि
५४ जि.का ११९५ पष्टिसंवत्सर ................. इं.का. २९० •घड आवश्यकवृत्ति...
.........................
पष्टिसंवत्सर ............... इं.का. ७९५ पआवश्यक नियुक्ति
षष्टिसंवत्सर-ज्योतिष. जि.का १७१७ घड्दर्शनसमुच्चय ................हरिभद्रसूरि .............
૧૮૬૭ पष्टिसंवत्सर-ज्योतिष किंधिवपूर्ण जि.का १९०५ षड्दर्शनसमुच्चय बालावबोधसह
११७३ षष्टिसंवत्सरटीका इं.का. ८०६ षड्दर्शनसमुच्चय ...............
११५८ पष्टिसंवत्सरवृत्ति २२४ पहिंदशतिस्थान.........................................
१६७/२ पष्टि शतं मूल . •षशांगसूत्र ...............
का, १६७/ पष्टि शतं मूल बेटक .............. त.का. २०९ घड आरक स्तवन. हिरसूरि ......................
का ५८३ पष्टि संवत्सरी.. २१८ पर आवश्यकवृत्ति.
पष्टिशत सह बालावबोध ....... सोमसुंदर सूरि ............... १७९८ ० चड्दर्शनसमुच्चय सटीक ....... हरिभद्रसूरि-भू.....
पष्टिशतम् .............. वृ.क.विद्यातिलक
२२०९ पष्टिशतकप्रकरण सटीक ....... नेमिचंद्रसूरि जि.का. ८०९/२ पबांधवमुनिसज्झाय ....... प्रेममुनि
..............गुणरत्नोपाध्याय पष्टिशतक सह टब्बो भंडारी नेमिचंद्र ........-----..१६७० .....१-१२ आ.का
पष्टिशतकप्रकरण............
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१०२
६.
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