Book Title: Jesalmer ke Prachin Jain Granthbhandaron ki Suchi
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Motilal Banarasidas

View full book text
Previous | Next

Page 663
________________ मुनिराज श्री जम्बूविजयजी महाराज द्वारा संपादित, संशोधित एवं प्रकाशित ग्रंथप्रकाशित ग्रंथ ८- धर्मबिन्दुप्रकरण (प्रताकार ग्रंथ)-आचार्य श्री मुनिचंद्रसूरिविरचितवृत्तिसहित आचार्य १- द्वादशार नयचक्र,भाग-१,२,३-आचार्य श्री मल्लवादिक्षमाश्रमण विरचित, आचार्य श्री हरिभद्रसूरिविरचित, प्रकाशक-जिनशासन आराधना ट्रस्ट, मुंबई। श्री सिंहसूरिगणिक्षमाश्रमणविरचितवृत्तिसह । ९ - वैशेषिकसूत्र-चद्रानंदविरचितवृत्तिसहित २ - स्त्रीनिर्वाण केवलिभुक्ति प्रकरण स्वोपज्ञवृत्तिसह-यापनीयसंघाग्रणी शाकटायन प्रकाशक-गायकवाड ओरिएंटल सिरीझ, महाराजा सयाजीराव युनिवर्सिटी, बड़ोदरा विरचित, प्रकाशक-जैन आत्मानंद सभा, खार गेट, भावनगर (गुजरातराज्य), (गुजरात), पीन-३९०००१ पीन-३६४००१ १०-- श्री सिद्धहेमचंद्रशब्दानुशासन स्वोपज़लघुवृत्तिसहित योगशास्त्र स्वोपज्ञवृत्तिसह, भाग-१,२,३ कलिकालसर्वज्ञ आचार्य श्री हेमचन्द्रसूरि । - श्री सिद्धहेमचंद्रशब्दानुशासन स्वोपज्ञरहस्यवृत्तिसहित विरचित प्रकाशक-श्री हेमचंद्राचार्य जैन ज्ञानमंदिर, पाटण-३८४२६५ - सूरिमंत्रकल्पसमुच्चय, भाग-१,२ - सर्वसिद्धान्त प्रवेशक, प्रकाशक-जैन साहित्य विकास मंडल, मुंबई, पीन-४०००५६ ४ - आचारांग-सूत्र मुद्रणाधीन ग्रंथ - सुयगडंग-सूत्र १- आवश्यकसूत्र नियुक्ति तथा चूर्णि सहित - ठाणंग-समवायंग-सूत्र २- अनुयोगद्वारसूत्र, भाग-२, चूर्णि, हारिभद्रीवृत्ति तथा आ० म० श्री मलधारी - ज्ञाताधर्मकथांग-सूत्र हेमचन्द्रसूरिविरचित वृत्तिसह अनुयोगद्वारसूत्र, भाग-१, चूर्णि, हारिभद्रीवृत्ति तथा आचार्य महाराज श्री मलधारी ३ - उत्तराध्ययनसूत्र, चूर्णि सहित हेमचंद्रसूरिविरचितवृत्तिसह, प्रकाशक-श्री महावीर जैन विद्यालय, ऑगस्ट क्रान्ति मार्ग, ४- औपपातिकसूत्र-आ०म० श्री० अभयदेवसूरिविरचितवृत्तिसहित मुंबई, पीन-४०००३६ ५- प्रशस्तिसंग्रह-पाटण में श्री हेमचंद्राचार्य जैन ज्ञानमंदिर में एवं भाभा का पाडा के अणहिलपाटक (पाटण )नगरस्थजैनग्रंथभाण्डागारान्तर्गतानां हस्तलिखितग्रंथानां भंडार में रही कागज की पांडुलिपियों में लिखी प्रशस्तिओं का संग्रह। सूचिः (अकाराद्यनुक्रम सहिता),भाग-१,२,३,४ पाटण में श्री हेमचंद्राचार्य ज्ञानमंदिर में रहे संघभंडार, संघवीपाडा का भंडार एवं| प्रकाशक-शारदाबेन चिमनलाल एज्युकेशनल रिसर्च सेन्टर, 'दर्शन' राणकपुर सोसायटी खेतरवासी का पाडा में रहे ताडपत्रीय ग्रंथों की प्रशस्ति आदि सह विस्तृत सूची। के सामने, शाही बाग, अहमदाबाद, पीन-३८०००४ ६ - द्रव्यालंकार, स्वोपज्ञवृत्ति सहित, कर्ता-कालिकालसर्वज्ञ आ० म० श्री.हेमचंद्रसरिजी ६- आचारांगसूत्र तथा सूत्रकृतांगसूत्र-शीलांकाचार्यविरचितवृत्तिसहित महाराज के पट्टालंकार आ० म. रामचंद्रसूरिजी तथा गुणचंद्रसूरिजी महाराज। स्थानांगसूत्र तथा समवायांगसूत्र-आचार्य श्री अभयदेवसूरिविरचितवृत्तिसहित ७- स्थानांगसूत्र-आ०म० श्री. अभयदेवसूरिविरचितवृत्तिसहित मूल संपादक-आगमोद्धारक आचार्य श्री सागरानन्दसूरिजी महाराज ८- समवायांगसूत्र-आ०म० श्री० अभयदेवसूरिविरचितवृत्तिसहित परिशिष्ट कर्ता-मुनिराज श्री जम्बूविजयजी महाराज प्रकाशक-मोतीलाल बनारसीदास, दिल्ली-११०००७ ७ - पंचसूत्र-आचार्य श्रीहरिभद्रसूरि विरचितवृत्तिसहित प्रकाशक-भोगीलाल लहेरचंद भारतीय संस्कृति संस्थान, दिल्ली, पीन ११००३६ । Jain Education International For Private & Personal use only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 661 662 663 664 665