Book Title: Jesalmer ke Prachin Jain Granthbhandaron ki Suchi
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 484
________________ कता .१-११ 4ETEEEEE ...३१२ ४३६ - सर्व ग्रंथोंका अकारादिक्रम - परिशिष्ट १ भंडार| ग्रंथांक ग्रंथर्नु नाम कर्ता |भंडार ग्रंथांक ग्रंथर्नु नाम संवत् नाम नाम संख्या त.का. ४९४ भक्तामरस्तोत्र सह बालावबोध.. लब्धिशेखरमणि.. त.का. १०५८ भगवतीसूत्र त.का. ४९६ भक्तामरस्तोत्र सह बालावबोध.. मानतुंगसूरि ... त.का. ९८३ भगवतीसूत्र (तामली समाप्त) .. आ.का १६७ भक्तामरस्तोत्र सह वृत्ति ......... रामजी -ले....... डूं.का. |२५१ भगवतीसूत्र + जमालीकी गति त.का. ७११ भक्तामरस्तोत्र सह बालावबोध जि.का २०३७ भगवतीसूत्र अपूर्ण ............... लों का २२० भक्तामरस्तोत्र ................... मानतुंगारि... ८० भगवतीसूत्र आलापक ......... डूं.का. १७/१ भक्तामर ..... २७ भगवतीसूत्र बीजक ...... आ.का-६९ भक्तपरिज्ञा ........... भगवतीसूत्र मूल ................ १-२९८ डूं.का. १०२५ भक्तपरिज्ञा सह अवचूरी ......... शांतिसूरि ...... भगवतीसूत्र मूल ................ गणधर ....... जि.का २१२०/१३० | भक्ष्याभक्ष्यगाथा बृत्ति ..... भगवतीसूत्र सटीक त्रूटक ...१-२४५ त.का. १२९२ भल्याभक्ष्यविचार ...... आ.का.१९२ भगवतीसूत्र सह टव्यार्थ त.का.८३७ भक्ष्याभक्ष्यविचार ................ नयविमल ............... लों.का १६३ भगवतीसूत्र सह टब्यार्थ चूटक. + पच्चक्खाणविधि लों.का २४ भगवतीसूत्र सह शब्दार्थ ...... सुधर्मास्वामी ...१६११ |... १७०७ बूं.का. ४७७ | भगवतपारणाधिकार जि.ता.१४७/१४ ० भगवतीसूत्रपर्याय. १२१-१३१ डूं.का. १३४१ | भगवती (बीजक) टीप ११|| जि.का २६४ भगवतीसूत्रबीजक ............. हर्षकुलगणि ............. र.१६११ .....३-१० त.का. ९५७ भगवती पद्म पुष्पांजलीस्तोत्र ... ......... .ले.१६१८ भगवतीवोलसंग्रह | जि.ता.१६ . भगवतीसूत्रवृत्ति .................. अभयदेवाचार्य ......... .र.११२८ .....३९७ • भगवतीसूत्र .... .ले.१४८८ जि.ता.११ • भगवतीसूत्र ... .....२९३ जि.का १४० भगवतीसूत्रवृत्ति .................. अभयदेवसूरि .............. र.११२८ २०७(७२४जि.का १३ १३ . भगवतीसूत्र ... सुधर्मस्वामी........ ५८(५६६ .ले.१४८८ |.... ९३०) .... ७२३)| जि.का १३६४० भगवतीसूत्रवृत्ति .................. अभयदेवसूरि-यू......... ................ ३०३ जि.का १६५ 0 भगवतीसूत्र ... सुधर्मस्वामी... २-२६२ जि.का १३६५ ० भगवतीसूत्रवृत्ति जि.का १३६९ • भगवतीसूत्र ... ...................... ४०८||जि.का १३७१ भगवतीसूत्रवृत्ति अपूर्ण .......... अभयदेवसूरि ....... का ४७१ भगवतीसूत्र .... .... १-३ जि.ता.१२ • भगवतीसूत्रवृत्ति, प्रथम खंड,... अभयदेवाचार्य र.११२८ भगवतीसूत्र .... ..............१२०० ......४२२ अष्टमशतक पर्यन्त ...... ले.१९९५ त.का. ५७ भगवतीसूत्र:-- गणधर ..३२८ त.का. ६२ भगवतीसूत्रबीजक .............. हर्षकुलगणि. ...१५७८ भगवतीसूत्र. 0 भगवतीसूत्रवृत्ति .............. अभयदेवसूरि त.का. ६३ भगवतीसूत्र .१६१५ ...१५ त.का. ६४ भगवतीसूत्रवृत्ति .. अभयदेवसूरि ...............१६ER भगवतीसूत्र ११२-४८२ जि.का १३७० भगवतीसूत्रवृत्ति अपूर्ण ... अभयदेवसूरि-टी. .................. 3४८ ......... .४२५ लो.ता.४ गणधर त.का. १०४० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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