Book Title: Jesalmer ke Prachin Jain Granthbhandaron ki Suchi
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Motilal Banarasidas
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३५० सर्व ग्रंथोंका अकारादिक्रम परिशिष्ट १
भंडार
ग्रंथांक
नाम
ग्रंथनुं नाम
जि.का. १३२६/२३० उल्लासिक्कमस्तोत्र
जि.का १२५०
जि.का १६१८
जि.का ४६०
लों का ११० जि.का ५६
जि.का १३८५ जि.का ६६० त. का. ८३ जि.का १६२५/२० उवसग्गहरं जि.का २१२०/१२ उवसग्गहरं वृत्ति जि.का १६९३ / ४ ० उवसग्गहरंस्तोत्र
त. का. ८६०
लों का, ३३५
त. का. २६६ त.का. १००१
हूं. का. ८९६
डूं. का. ११५७ जि.का. ५३
जि.ता ३३० जि.का १३२१ त. का. ११९ जि.का ७१६ जि.का १७४४
लघुअजितशांतिस्तोत्र उल्लासिक्कमस्तोत्रबालायबोध
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उल्लासिक्कमस्मरण सस्तबक जिनवल्लभसूरि
नमिऊणस्तोत्र सस्तबक
• उवयाइसूत्र
० उववाईसूत्रपर्याय.
....
उववाइ उपांगसूत्र सह टब्बार्थ
उत्तराध्ययनसूत्र प्रथम अध्ययन उत्तराध्ययनसूत्र सह वृत्ति त्रूटक
कर्ता
जिनवल्लभगणि
| धर्मसागर
• उवसग्गहरंस्तोत्र सहावचूरी. • उवसग्गहरंस्तोत्र व बृहत्शांति ० उष्ट्रिक (खरतर ) मत .......... • उष्ट्रीकमतोत्सूत्र उद्घाटनकुलक ● उत्तराध्ययन सूत्र सह टब्बार्थ उत्तराध्ययनकथाओ बालावबोध जयहंस
• उत्तराध्ययनसूत्र
• उत्तराध्ययनसूत्रचूर्णी.
• उद्भटालंकारलघुवृत्ति उपदेशमालाप्रकरण अपूर्ण उपासकदशांगसूत्र
D. ऋग्वेद यजुर्वेद गतशब्दादिनिर्णय ● ऋजुप्राज्ञप्रक्रियावृत्ति
भद्रबाहुस्वामी जिनप्रभसूरि
गोपालिक महत्तरशिष्य
वृ.क. प्रतीहारेंदुराज धर्मदासगणि
गणधर
संवत्
. १८५३
. १६२२... १६४६
. १८८३
. १७५१
पत्र भंडार संख्या नाम २३०-२३२ जि.का १७४५ आ.का. ३०६ २ त.का. ४०६
१४००
, १४००
. १७२०
७ था. का. ४०३ जि. ता. १५६/१९
२९
१६-२६ सूं. का. ३७२
५६
१ जि.का १३१६/१ ४०-४३
२-३ त. ता. २ .......२ लों का ४९२/A १-२
.५ जि.का ८१२ .३ जि.का ११९३ २०१ त.का. ८२१ ..... १११ जि.का २००६ . २४ (९८७- जि.का ३४२/४ . १०१०)
जि.का २१३५
....
२ १-६
.. १४८८५८ (१२०२
- १२५९) १४२ १०५-११६
ग्रंथांक
२१
२-२० ५
लों. का ४९२ / B
लों का ४५५
डूं. का. १४१ जि.का ६२१ त.का. ४२२
त. का. १०१२
था. का. ४३०
था. का. ४६३
ग्रंथनुं नाम
● ऋजुप्राज्ञव्याकरण ऋजुप्राज्ञव्याकरण ऋषभ विवाहलो
ऋषभ स्तवन,
० ऋषभ शान्ति नेमि पार्श्वमहावीरजिनपंचकस्तोत्रपंचक ऋषभदेव स्तवन..
+ दशवैकालिकनी सज्झाय ऋषभदेव, शांतिनाथ, नेमिनाथ, | पार्श्वनाथ, महावीरजिनपंचस्तवन
• ऋषभदेवचरित्र पद्य ऋषभदेवजी रो विवाहलो + प्रकीर्णक पद
D ऋषभदेवविवाहलो D ऋषभदेवविवाहलो ऋषभदेवस्तवन
| ऋषभदेवस्तवन बालावबोधसह D ऋषभदेवस्तवन बालेवामंडन
• ऋषभदेवस्तवनआदि
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| ऋषभदेवविवाहलो ऋषभदेवस्तुति
+ अवंतिसुकुमालरास ऋषभदेवस्तोत्र ऋषभपंचाशिका सस्तबक
ऋषभविवाहली ऋषभविवाहला
ऋषभस्तवन
ऋषभस्तवन
कर्ता
सहजकीर्ति
जिनवल्लभसूरि
लालचंद
जयसिंहसूरि
रविविजय विजयतिलक जिनसुंदरसूरि
धनपाल
जोगीदास
पुण्यसागर पुण्यसागर
संवत्
११९२
१८३९
पत्र संख्या
१०
७६
११
२
८४-९०
.3
- १९२-१९४
• १३३०१ थी २०४
१-७
१३ १३
१९३४ ......२
.........4 २-३
१-८
१-६
४
१९
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