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Grantha Bhandars of Ajmer Division
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1. ŞODAŚA KĀRANA VRATODYĀ PAN PUJA by Sumati Sagar in Samskrit.
2. LILAVATI BHĀSA
by Lal Canda Sūri. This is a work on Jyotisa translated
from Samskrit to HindL
3. TATTWĀRTH SUTRA BHĀSĀ by Sewā Rāma Pātni in Hindi
4. AKSAR BĀVANI by Pande Kesava Dāsa. There are 61 stanzas in Hindi.
It was composed in Samvat 1736 (1679 A.D.).
(46) ŚĀSTRA BHANDĀR OF JAINA TEMPLE VAIRA
Vaira is an old town which is about 15 miles from Bayānā. This is a Tehsil Head quarter at present. There are two Jaina temples, one is Digambara and
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इनि पौउणकारणोद्यापन पाठ |
पचाशदधिकैः श्लोके पटतं प्रमित महत् । तीर्थकृतपरपूजाया सुमतिसागरोदित||१||
पुरण लीलावती भाषा मे भलरीति ।
ज्यू कोधि जीदिन हुई तिको कटु घर प्रीति । सतरा छत्तीम समं वदि प्रमाद बखारण,
पचिम दिन बुधवार दिन ग्रन्थ सम्पूरण जान । गुरू मी चौरासी गच्छे, गच्छ खरतर सुवदीत,
महिमन्डल मोटा मनुष्य, पूरी करे प्रतीत । गच्छ नायक गुणवन्त प्रति, प्रगट पुण्य श्रकूट ।
सोभागी सुन्दर वरण, श्री जिनचद सुदि । सेवग तासु सौभाग निधि, मेम साख सुखकार, शान्तिहर्ष वाचक भन्ने, जम शिष्य तास सुविनीत मनि, लाल चन्द गुरु प्रसाद कीधो भलो ग्रन्थ
सौभाग्य अपार |
ग नाम, भरा अविराम ।
बावन अक्षर जोय करें भैया,
गावु पच्चासहि में मन भावे । सुख सौभाग्य नीको तिनको हुवे,
बावन अक्षर जो गुण गावे ।
लावण्य रतन गुरू सुपसावसु,
केशवदास सदा सुख पावे ॥। ६१ ।।