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(१५)
पृष्ट ७०
पक्ति १८
७४७
थी
११
..
७७
अशुद्ध
शुद्ध कादम्वशी कादम्ववशी प्रचारक
प्रचार "जिस समय जैनो का केन्द्र था" यह वाक्य
काट दो। थो वुजानन
बुचानन होटसल
होयसल श्रवणवेलम्म श्रवणवेलगोल वीर-पूर्ण वीरता-पूर्ण जैनो को राष्ट्र "जैनों का राष्ट्र"
इस पुरण
पुराण लिये
लिये रवार वेल
खारवेल जरसय्या
जरसप्पा जहां रणागण जहां शत्रु रणागण उठान
उठाना धारण
धारणा अपन
आपके भविष्यदा
भविष्यदत्त आत्म गेरवाश्चित श्रान्मा को गौरवान्वित काविल
कालिब राजाश्रम
राजाश्रय इस गप्प
इरुगप्प पार्थिक
पार्थिव
८५ ८५
१२ १४