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अशुद्ध गजवलीक थे राज वलीक थे अप शधरों चेदिवशज खारवेल केपूर्वज भूपिक पाण्डय खाखेल भारतोद्धार वीजरधर वाली खारसेल माहयमिका धर्मानुपायी नत्रिय क्षत्रिय अधृत पाल पाञ्चालय महेन्द्र शासवाधिकारी सन् १२१६ श्रर्णकुमारपाल बद्राड श्राश्र केवल
शुद्ध राजावलीकथे राजावलीकथे अपने घंशधरी चेदिवंशवर्द्धन खारवेल के पूर्वज मूषिक पारड्य खारवेल भारतोद्धारक वजिरघरवाली खारवेल माध्यमिका धर्मानुयायी क्षत्रप क्षत्रप अछुत ऑफ पाञ्चाल HEFE (Achandai) शासाधिकारी इसने सन् १२१६ अर्ण कुमारपाल वहाड़ आश्रय । न केवल
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