Book Title: Jain Veero ka Itihas
Author(s): Kamtaprasad Jain
Publisher: Jain Mitra Mandal

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Page 67
________________ (५४) पड़ कर आज तुम्हारा आश्रय चाहता है, इसको आश्र दोइसको आश्रय देने से भगवान् के श्राशीर्वाद से तुम्हारे गौरव की वृद्धि होगी।" अाशाशाह ने माँ का कहना न दाला और निशङ्क होकर राजकुमार को अपने पास रख लिया ! इस प्रकार श्राशाशाह ने केवल मेवाड़ के राणाश को मिटने से बचाया, बल्कि हिन्दू पति वीर श्रेष्ट राणा प्रताप को जन्म देने का श्रेय भी उन्हीं को प्राप्त है ! श्राशाशाह और उसकी माँ की वीरता और स्वामी-भक्ति श्राज कहां देसने को मिलेगी! पर हाँ, वह मुर्दा दिलों में उत्साह की लहर उठाये विना न रहेगी! (३०) बीकानेर राज्य के जैन वीर । युवराज बीका ने जिस समय (सन् १४८८ ई० में) बीकानेर बसा कर अपने लिये एक नये राज्य की नींव डाली, तो चौहान वीर 'बच्छराज' भी उनके साथ था । वह भी सकुटुम्ब इस नये राज्य में आकर बस गया। यह जैनधर्मानुयायी था और दिलावर वीर था। राजकुमार बीकानेर का साथ इसने बरावर लड़ाइयों में दिया था। इस वीर पुरुष की स्मृति में ही बीकानेर के 'बच्छावत वंश' का जन्म हुआ था। - 'टाँढ कृत राजस्थान (व्यङ्कटेश्वर प्रेस) भा. १ पू. २७८

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