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पूर्ण है किन्तु अनुमान, आगम आदि प्रमाण पूर्ण नहीं है क्योंकि उनका आधार प्रत्यक्ष है।
परोक्ष प्रमाण के पाँच भेद होते हैं -
१. स्मृति
२. प्रत्यभिज्ञान
तर्क
मतिज्ञान, श्रुतज्ञान
३.
४. अनुमान
५. आगम
'परोक्ष प्रमाण स्वरूप हैं।
* नयवाद
पदार्थ के स्वरूप का अवबोध प्रमाणों से होता है किन्तु पदार्थ के अंशरूप का बोध करने के लिए नयवाद का आश्रयण किया जाता है। जैसे - गाय को देखकर हमने जाना कि यह गाय है। यह गाय का समग्ररूप से बोध प्रत्यक्ष प्रमाण का रूप है किन्तु यह रक्तवर्ण की गाय है, शरीर से पुष्ट है, दो बछड़ों वाली है, 'अच्छा दूध देती है, यह स्वभाव से सीधी है - इन पाँच विषयों का ज्ञान 'न' से होता है।
नय का सामान्य लक्षण
अनन्तधर्माध्यासितं वस्तु स्वाभिप्रेतैक धर्म विशिष्टं नयति-प्रापयति संवेदनमारोहयतीति नयः ।
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बाइस