Book Title: Jain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 1
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 15
________________ २४३ २४३ नरकस्थ एवं स्वर्गस्थ पृथ्वीकायिक आदि प्रथमता-अप्रथमता कातिक सेठ माकंदी अनगार युग्म पुद्गल मद् क श्रमणोपासक पुद्गल-ज्ञान यापनीय मास विविध उपसंहार ज्ञाताधर्मकथा कारागार शैलक मुनि शुक परिव्राजक थावच्चा सार्थवाही चोक्खा परिवाजिका चीन एवं चीनी डूबती नौका उदकज्ञात विविध मतानुयायी दयालु मुनि पाण्डव-प्रकरण २४३ २४४ २४४ २४४ २४४ २४५ २४६ २४६ २४६ २४९ २५०-२५६ २५१ २५१ २५२ २५३ २५३ २५३ २५३ २५४ २५४ २५५ २५५ २५६ सुसमा २५७ २५८ ८. उपासकदशा मर्यादा-निर्धारण विघ्नकारी देव मांसाहारिणी स्त्री व नियतिवादी श्रावक आनन्द का अवधिज्ञान उपसंहार २५८ २५९ .... २५९ २५९ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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