Book Title: Jain Hiteshi 1914 Ank 12
Author(s): Nathuram Premi
Publisher: Jain Granthratna Karyalay

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Page 59
________________ समालोचनाकी आलोचना । ७२७ ईसवी . कितने डौलर का माल कितने डौलरका माल सन् फ्रांसके बाहर गया फ्रांसमें विदेशोंसे आया १८९७ ७२००००००० ७९१००००००. १८९८ ७०२०००००० ८९५०००००० १८९९ (३१०००००० ९०४०००००० १९०० ८२२०००००० ९४००००००० १९०१ ८३३०००००० ९४३०००००० कुलजोड़ ३९०८०००००० ४४७३०००००० ___ इस हिसाबसे मालूम होगा कि फ्रांसने विदेशोंको जितना माल बेचा उससे जियादा माल विदेशोंसे खरीदा, अर्थात् केवल पाँच वर्षमें ही फ्रांसने विदेशोंसे ५६५०००००० डौलरका माल जियादा ख़रीदा, या यों कहिए कि एक वर्षमें ११३०००००० डौलरका माल जियादा खरीदा । अब क्या आप इससे यह नतीजा निकालेंगे कि फ्रांसको प्रतिवर्ष ११३०००००० डॉलर विदेशोंको ज़ियादा देने पड़ते हैं ? अगर इसी हिसाबसे प्रतिवर्ष फ्रांसका धन कम होता रहे तो कुछ ही वर्षमें फ्रांसके पास एक कौड़ी भी न रहे। यदि आप इंग्लेंडका हिसाब देखें, तो आपको और भी आश्चर्य होगा। इंग्लेड प्रति वर्ष विदेशोंसे १२००००००००डौलरका माल अधिक खरीदता है । यदि इस मालका मूल्य ग्लेिड विदेशोंको दे, तो छः ... * डौलर अमेरिकाके युनाइटेड स्टेट्सके एक सिका नाम है । इसका मूल्य ४ शि० २ पे० अर्थात् ३ रु० दो आनेके लगभग होता है। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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