Book Title: Jain Dharm ki Udarta
Author(s): Parmeshthidas Jain
Publisher: Johrimal Jain Saraf

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Page 12
________________ 050 उपयोगी एवं संग्रहणीय पुस्तकें। ... १ शिक्षागद शास्त्रीय उदाहरण ले० ५० जुगलकिशोरजी, ॥ २ विवाह क्षेत्र प्रकाश है सूर्य प्रकाश समीक्षा ४ मेरी भावना ५ जैन जाति सुदशा प्रवर्तक वावू सूरजभानजी. ६ मंगलादेवी ७ फुवारों की दुर्दशा + गृहस्थधर्म ६ उजले पोश बदमाश अयोध्याप्रसादजी गोयलीय , . १० अबलायों के प्रास् ११ नित्यप्रार्थना जैन कवि ज्योतिप्रसादजी, ji १२ संसार दुख दर्पण १३ शारदा स्तवन कल्याणकुमारजी, "शशि" । १४ हिन्दी भक्तामर ... ... ... ॥ १५ प्रार्थना स्तोत्र जैन विद्यार्थियों के हितार्थ, १६ त्याग मीमांसा ले० पं० दीपचन्दजी वर्णी १७ सुधार संगीत माला भूरामलजी मुशरफ ) १८ संकट हरन ,, वा० दिनम्वरप्रसाद वकील उर्दू ॥ नोट:- एक रुपये से कम की पुस्तकें मंगाने वालों को पोस्टेज सहित रिक भेजना चाहिये। ' मिलने का पता:। जौहरीमल जैन सर्राफ, दरीया कलां-देवकी।

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