Book Title: Jain Bhajan Shataka
Author(s): Nyamatsinh Jaini
Publisher: Nyamatsinh Jaini

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Page 30
________________ M odind - - % 3D (२६) चलेगा मेरा भाई चलेगा मेरा यार । नहीं नहीं रे चेतन फूंकेंगे अगन मंझार ।। परदे० ॥२॥ चलेगी मेरी माता की जाई मेरी लार । नहीं नहीं रे चेतन झूठा है सारा व्यवहार ॥ परदे ॥३॥ चलेगा मेरा बेटा पिता परिवार । नहीं नहीं रे चेतन मतलब का सारा संसार ॥ परदे०॥४॥ चलेगी मेरी फौज चलेगा दरबार । नहीं नहीं रे चेतन जीते जी की है सरकार ।। परदे० ॥५॥ चलेगा मेरा माल खजाना घरबार । नहीं नहीं रे चेतन पड़ा रहेगा सब कार ॥ परदे० ॥६॥ चलेगी मेरी काया चलेगा मनसार । नहीं नहीं रे न्यामत छोड़ेंगे तो हे मंझधार ॥ परदे० ॥ ७॥ ॥ इति द्वितीय बाटिका समाप्तम् ॥ marate P oonam - -

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