________________ हस्तिकुण्डी के प्राचार्य-३१ सकल लब्धिनिधान युगप्रधान जितानेक-वादीश्वरवद प्रणतानेक नरनायक मुकुटकोटिघृष्ट पादारविंद श्री सूर्य इव महाप्रसाद चतुः षष्टि सुरेन्द्र संगीयमान साधुवाद श्री पंडेरकोयगरण बुधावतस सुभद्रा कुक्षि सरोवर राजहंस यशोवीर साधुकुलाम्बर नभोमरिण सकलचारित्र चक्रवर्ती वक्त चूडामणि म० प्रभु श्री यशोभद्रसूरयः तत् पट्टे श्री चाहुमान वंशशृंगार लब्ध समस्त निरवद्यविद्या जलधिपार श्री बदरा (1) देवी दत्त गुरुपदप्रसाद स्वविमलकुल प्रबोधनक प्राप्तपरम यशोवाद म० श्री शालिसूरिः त० श्री सुमतिसूरिः त० शान्तिसरिः त. ईश्वरसूरि एव (व) यथाक्रममनेक गुणमरिण गरगरोहरण गिरोरणां महा सु (स) रीणां वंशे पुनः श्री शालिसु (सू) रि त. श्री सुमतिसरिः तत्पट्टालंकार हार म० श्री शांतिसूरिवराणां सपरिकराणां विजयराज्ये // अथेह श्री मेदपाटदेशे श्री सूर्यवंशीय महाराजाधिराज श्रीशिलादित्यवंशे श्रीगुहिदत्त राउलश्री बप्पाक श्री षुम्माणादि महाराजान्वये राणा हमीर श्री खेतसिंह श्री लषमसिंह पुत्र श्री मोकल मृगांकवंशोद्योतकर प्रतापमार्तण्डावतार प्रासमुद्रमहीमण्डलखंडन अतुल महाबल राणा श्री कुंभकर्णपुत्र राणा श्री रायमल्ल विजयमान प्राज्य राज्ये तत्पुत्र महाकुअर श्री पृथ्वीराजानुशासनात् श्री उकेशवंशे राय जडारी गोत्रे राउल श्री लाषण पुत्र श्री सं. दूद्वशे म० मयूरसुत म० सादूल : तत्पुत्राभ्यां श्री नन्दकुलवत्यां पुर्या सं. 964 श्री यशोभद्रसूरि मंत्रशक्ति समानीतायां त० सायरकारित देवकुलिकाद्य द्धारतः सागर नाम जिनवसत्यां श्री आदीश्वरस्यस्थापना कारिता कृताश्री शांतिसूरिपट्ट देवसुन्दर इत्यपरशिष्यनामभिः प्रा. ईश्वरसरिभिः / इति लघुप्रशस्तिरिय लि. प्राचार्यश्री ईश्वरसूरिरणा उत्कोरर्णा सूत्रधार सोमाकेन / शुभम् //