Book Title: Hastikundi Ka Itihas
Author(s): Sohanlal Patni
Publisher: Ratamahavir Tirth Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 108
________________ शिलालेख-८७ वि. सं. 1336 का शिलालेख संवत् 1336 वर्षे श्रेष्ठिको नागश्रेयसे अरसाहेन भ (स) टापक्ष दत्त द्र 12 उभय द्र 36 समीपाटी मंडपिकायां व्याप्यमारण पंचकुलेन वर्ष वर्ष प्रति प्राचन्द्राकं यावद्दात्तव्याः शुभमस्तु। संवत् 1336 में नागसेठ के कल्याण के लिए अरसिंह द्वारा 12 द्रम दी / 36 द्रम सेवाड़ी मंडप में प्रयोग के लिए पंचों के द्वारा यावत्सूर्यचन्द्र देनी होगी [शुभं भवतु] / शिलालेख 320 संवत् 1345 विक्रमी प्रो. नमो वीतरागाय / संवत् 1345 वर्षे प्रथम भाद्रवा वदि 6 शुक्रदिनेऽयह श्री नडूलमंडले महाराजकुल श्री सांवत सिंह देवराज्येऽत्र नियुक्त श्रीकरणमहं ललनादि पंचकुलप्रभृति अक्षरारिण पञ्च (प्रयच्छत्) ? समीतल पदेत्य मंडपिकायां साधु० हेमाकेन हाथितुडी ग्रामे श्री महावीरदेव नेचाथ वर्ष प्रति वत्सी (1) क द्र 24 चतुविशति द्रम्मा प्रवत्ता शुभं भवत् // कृष्णविजय लिखितम् / ॐ नमो वीतरागाय / सवत् 1345 विक्रमी भाद्रपद वदी 8 शुक्रवार के दिन श्री नाडौल मंडल में महाराज सांवतसिंह के राज्य में यहाँ नियुक्त श्रीकरण, ललना आदि 1. कर्मसिंह के जमाने में 1336 वि. सम्वत् के मेवाड़ के सिसोदिया रुद्रसिंह व उसके पुत्र लाखा ने बहेड़ा पर आक्रमण किया / उस समय वे बहेड़ा (बेड़ा) के राव थे। बाद में मुसलमानों से युद्ध करते हुए वे मारे गये।

Loading...

Page Navigation
1 ... 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134