________________ शिलालेख-६६ // श्री परमेश्वरजी॥ सही पर वा ना ठाकुरांराज श्री जोगसिंहजी साहब विसनायतु उप्रंच बीजापुर के प्रामप्रजा की तालाब पर जीव हिंसा नहीं होने देने की अर्ज पर गौर करने से मालूम हुआ कि अर्ज बिल्कुल वाजिब है और बेशक जीवहिंसा करना महापाप है।। इसलिए कोई शख्स तालाब पर किसी प्रकार की जीवहिंसा न करे और तालाब में कोई गोली वगेरा ना छोड़े क्योंकि यह जगह आपके पानी पीने की भी है / यह हुक्म चन्द्र और सूर्य प्रकाशित रहे तब तक कायम रहे। इस हुक्म से खिलाफ चलेगा वह अपने धर्म से विमुख होगा। वि. संवत 1977, कार्तिक शुक्ला 1, गुरुवार, तारीख 11 नवम्बर सन् 1920 ई०11. 11. 20 Sd/- जोगसिंह दा. छतरसिंह बीजापुर दा. लक्ष्मणसिंह दा. लाला हरनारायण दा. सिवरामजी रा बीजापुर सायर थानेदार