________________ हस्तिकुण्डी का इतिहास-८२ श्री [भट्ट] लोकदत्ता पत्राणां चोल्लिका त्रयोदशिका / पेल्लक पेल्लकमेतद्य तकरै शासने देयम् // 10 // पान-विक्रेताओं को तथा जुमारियों को प्रत्येक अड्डे के लिये 13 चोल्लिका', मन्दिर के लिये शासन को देना होगा / / 10 / / देयं पलाशपटकमर्यादा वतिक' * * / प्रत्यरघट्ट धान्याढकं तु गोधूमयवपूर्ण // 11 // प्रत्येक अरहट से गेहूँ एवं जौ से भरा हुआ आढक' / पहली पंक्ति अस्पष्ट है / / 11 / / पेड्डा च पंचपलिका धर्मस्यविशोपकस्तथा भारे / शासनमेतत्पूर्वः विदग्धराजेन संदत्तम् // 12 / / ___भैस पर पांच पालिकाएँ व प्रत्येक भार पर कौड़ी का बीसवाँ भाग मन्दिर का होगा। यह आज्ञा पहले विदग्धराज ने दी है / / 12 // कर्पासकासं स्वकुंकुम पुर मांजिष्ठादिसर्वभाण्डस्य / दश दश पलानि भाराः देयानि // 13 / / 1. चोल्लिका भी कोई सिक्का होना चाहिए / 2. चार सेर का एक नाप / पेड्डा-भैंस, दरवाजा, भीत / पालिका-एक सिक्का / 3. विशोपक-कौड़ी का बीसवां भाग / 4. भार एक नाप /