Book Title: Ganeshvrat Katha
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Page 13
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir गत रेकदंतोगजाननः॥२३॥पूक्तिनविधानेनास्यापीत्याचश्रद्धया॥वते|| कथा. |नानेनभोदेपिलब्धकामाभविष्यसि॥२४॥मुनिमासेमहाराजइतिमेनिश्च भा. लामतिः॥ ॥गणेशउवाच॥ ॥दमयंतीतदारसंकष्टव्रतमुत्तम म॥भाद्रेमासिरुतारंभागणनाथार्चनेरता॥२५॥ सप्तमासे पतिप्राप्तारा. ज्यं पुत्रंतथैवच॥तथैवसंपदंराजन्कृत्वाचैवंव्रतोत्तमम्॥२६॥ ॥श्री. रुष्णउवाच॥ ॥तथापार्थव्रतादस्माद्राज्यप्राप्स्यसिनिश्चितम् वरिणस्तेपराभूताभविष्यतिविशेषतः॥२७॥ इतितेकथितंभूपव्रतानामुत्तमं व्रतम्॥करिष्यतिमहाभाग्यंसर्वदुःखनिवारणम् // 20 // // इतिश्रीस्कंदपुरा | |गेकष्णयुधिष्ठिरसंवादेभाद्रपद रुष्णचतुर्थीव्रतकथा समाप्ता / / 2 // यधिष्ठिरउवाच॥ For Private and Personal Use Only

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