Book Title: Ganeshvrat Katha
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Page 18
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पार्वत्युवाच॥ लंबोदरमहाभागवदनोवदतांवर॥कार्तिकस्यासि तपक्षेकथंपूज्योगणाधिपः॥१॥ ॥श्रीकृष्णउवाच॥. मातुर्वा, स्यनिशम्याथजगादगणनायकः॥ कार्तिकस्यासितेपक्षेसंकटायाचतुर्थि का ॥२॥तस्यांपूज्योगणाध्यक्षःपिंगनामेनिविश्रुतः॥पूर्वोक्तेनषिधानेन भुजीयादेकाक्तकम्॥३॥ब्राह्मणान्भोजयेत्पश्यात्स्वयम्भुजीतवाग्यतः॥ एतद्तस्यमाहात्म्यंफणुवक्ष्यामिसादरम्॥४॥उर्जकृष्णचतुर्य्यातुसंक ष्टव्रतमुत्तमम्॥माषान्ने श्यघृतोमैःसर्वसिद्धिर्भवेन्नृणाम॥५॥ गणे शउवाच॥ ॥त्रासुरोमहादैत्योद्धिमापसमंततः॥ त्रिलोकींसकलांजि त्वासदेवाःपराजिताः॥६॥मशानश्वष्टास्ततोजग्मुःकातरा:सर्वतोदिशम् // For Private and Personal Use Only

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