Book Title: Ganeshvrat Katha
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Page 38
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir न्यंश्रीगणेशप्रसादतः॥३७॥ ॥श्रीकृष्णउवाच॥ ॥अनेनैवविपानेनपुरुषःपुरुषर्षभ।पार्थिवत्वंलभेत्यार्थश्रीगणेशव्रतेनय॥३॥त स्मात्त्वमपिराजेंद्रफुरुशीघ्रंव्रतोत्तमम् // दुःस्वराशिविमुच्याथसुखसंपत्ति माभवः॥३९॥ ॥इतिश्रीस्कंदपुराणेफाल्गुनरुणयनुर्भाग्रतकथासंपूर्णा॥॥ // // ॥पार्वत्युवाच॥ ॥फयंगणेश्वरःपूज्योभोजनंकिंप्रकीर्तितम्॥ कोनामकोविधिस्तस्यास्तन्मेवदगजानन॥१॥ गजाननउवाच॥ // चैत्रेमासिमहादेविधिकटोगणनायकः॥पूजनीयोविधानेनुपंचगव्यंपिबेद्र ती॥२॥चैत्रेकष्णचतुर्थीयावतंसंकटनाशनम्॥बीजपूरैपतोमैंर्वध्या स्त्रीपुत्रमामुयात्॥३॥ इतिहासंप्रवक्ष्यामिगिरिजेपरमाद्भुतम्।। यस्यस्मर For Private and Personal Use Only

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