Book Title: Ganeshvrat Katha
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Page 73
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir गब.॥ धिकमासहष्णगणेशचतुर्थीवनकथासंपूर्णा॥ ॥ीसंकष्टनाशनगजा- कया ननार्पणमस्त॥ ॥श्रीसारसदाशिवार्पणमस्त॥ ॥रुसंभवतु॥ इदं पुस्तकं मोहमय्यारच्य राजधान्यां श्रीकृष्यादासात्मज गंगाविष्णुना श्री. वेंकटेश्वर शिलायचे अंकितम् - संवत् 1940 शालिवाहनशकान्दा:१८०५ | इस यंत्रालय में मुंबई के छापेके सबग्रंथ ( श्रीमद्भारतभागवत रामायणादि बड़े और छोटे ग्रंथ) यथार्थ दामसे मिलेंगे. जिन् महाशयोंको पत्र भेजना होय उन्होने शास्त्री अक्षरमें स्पष्ट लिरयके ठिकाणा-पत्ता- नाम-गाम-जिल्हा सहित लिरवके भेजना. दाम ||चाहिये तो पहेले अथवा पुस्तकपोहंचे पर डांकरवानेमे देना For Private and Personal Use Only

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