Book Title: Ganeshvrat Katha
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir शोकाहिंकरिष्यामिप्राणत्यागंत्वयेक्षितम्॥ इतितस्यावच श्रुत्वासभाया मागतोहरिः॥१५॥तत्रापश्यदृषिश्रेष्ठलोमशंतीव्रवर्चसम्॥प्रणम्याथम निविष्णुर्वृत्तांतंचन्यवेदयत्॥१६॥ ॥श्रीकृष्णाउवाच॥ ॥मुनेला मशमेपात्र केननीतःकवागतः॥नाहंजानेहतःकेनपौत्रोमेक्वगतःसुधीः॥ १७॥मातातस्यार्दितादुःश्वैःपुत्रस्मृत्वापुनःपुनः॥इतिहष्णवचः श्रुत्वालोमशो मुनिरब्रवीत्॥१८॥ लोमश उवाच॥ ॥बाणासरस्ययाकन्याउ पानाम्नेतिविश्रता॥ चित्रलेखासरखीतस्याव्याजहारानिरुडकम्॥१९॥ गोपितोबाणनगरेकथयामासनारदः॥ आश्विनेकृष्णपक्षेतुचतुर्थीसंक टाभवेत्॥२०॥तदनुष्ठान मात्रेणपोत्रस्तेत्यागमिष्यति / एवमुक्त्वामुनि For Private and Personal Use Only

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