Book Title: Ganeshvrat Katha
Author(s): 
Publisher: 

View full book text
Previous | Next

Page 31
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पत्र | ॥२९॥इक्ष्वातथाविधंबालंराजामात्यमुवाचह // किमिदंकस्यबालोयमि कथा तित्वनियकुरु॥३०॥जानुदग्धंकुतःप्राप्तंजलंजलजमंडितम्॥वैदूर्यस||मा. दृशीर्वादरिद्रस्पयथैवहि ॥३१॥नदाहोनक्षधातस्यनपिपासापिवर्तते॥ ||निर्भयतुयथागेहेतथाकीड़तिबालकः॥३२॥एवंनिगदितेराज्ञिब्राह्मणीसास मागता कोशंतीबालकंदृष्ट्वास्ववत्संसुरभिर्यथा॥३३॥समुत्थायनिजंबा लंसमालिंग्ययुचुंबह ॥रुदंनीकंपमानासानृपस्यायेन्यपीदत॥३४॥ // हरिअंद्रउवाच॥ ॥विषपत्निकुतोबालोनामिनाभस्मसात्कृतः॥चेटकं| किविजानासिकोधर्मश्यत्वयाकृतः॥३५॥ ॥बाह्मण्युवाच॥ ॥चेटकं ||15 नविजानामिनधर्मनतपस्तथा।नयोगनचदानंचनविधानंबलिंपुनः॥३६॥ For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76