Book Title: Ganeshvrat Katha
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir गत्र ||पःस्त्रीषियोगविषादरुत्॥तदादेव्यारुतंति हतानामुत्तमंव्रतम्॥१०॥ कथा |पार्वत्कवाच॥ ॥केनैवविधिनापुत्रदमयंतीव्रतोत्तमम्॥चकारभूपतिले||| भेतृतीयेमासिशोभना॥११॥ ॥श्रीकृष्णउवाच॥ एवंनिगदितःपा ॥र्थपार्वत्यागणनायकः॥प्रोवाचवचनंधीमान्विस्तरेणशृणुष्वतत्॥१२॥ // श्रीगणेशउवाच॥ ॥मातर्नलस्यभूपस्यविपत्तिबहुलाभवत्।।गजाश्यगज शालायांमंदुरायांहयाहृताः॥१३॥ कोशस्तुतस्करैनीतीगृहंदुग्धंरुशानुना। मंत्रिणोपिगतास्तस्यराजकार्यविनाशकाः ॥१४॥अक्षकीडनकेनैवराजासर्व हतोभवत्॥भनदेशस्ततोराजासपुरानिर्गतोचनम्॥१५॥ दमयंत्यासमंतत्रना| निक्लेिशैश्नपीडितः॥तथापिदमयंत्याचवियोगंप्रापदैवतः॥१६॥ कस्मिंश्रिन्न For Private and Personal Use Only

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