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इसके साथ ही आ जाता है। अंडे में रहने वाले पक्षी के लिए दुनिया अंडे जितनी है, फिर बाहर आने पर घौसलें जितनी, तथा पंख और आँखे मिलने पर वह अनन्त आकाश में विचरता है। हमारे दिमाग के आसपास, बुद्धि तथा आँखों के पास जो मिथ्या आवरण आए हुए हैं वे जब टूटेंगे तब जगत के पदार्थों की अनंतता समझ में आएगी।
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