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१६८ मोल लिया, इसका नाम ही कृतज्ञता है। आज तो मुसीबत में पडे किसी को देखकर लोग मुँह चुराकर निकल जाते हैं, मुँह फेर लेते हैं। जीवन सुधारने के लिए, प्रगति पंथ पर प्रयाण करने के लिए, इन सब बातों की उपयोगिता आवश्यक है।
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