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प्रतिक्रमण सूत्र । के योग्य है । 'भे' आप ने 'अप्पकिलंताणं' अल्प ग्लान अवस्था में रह कर ‘दिवसो' दिवस 'बहुसुभेण' बहुत आराम से 'वइक्कंतो' बिताया ? ' भे' आपकी ‘जत्ता' सयम रूप यात्रा निर्बाध है ? ] 'च और 'भे' आपका शरीर 'जवणिज्ज मन तथा इन्द्रियों की पीडा से रहित है ?
'खमासमणो' हे क्षमाश्रमण ! 'देवसिअ' दिवस-सम्बन्धी 'वइक्कम' अपराध को 'खामेमि' खमाता हूँ [और ] 'आवस्सिआए' आवश्यक क्रिया करने में जो विपरीत अनुष्ठान हुआ उससे 'पडिक्कमामि' निवत्त होता हूँ । 'खमासमणाणं' आप क्षमाश्रमण की 'देवसिआए' दिवस सम्बन्धिंनी 'तित्तीसन्नयराए तेतीस में से किसी भी 'आसायणाए' आशातना के द्वारा [और] 'जं किंचि मिच्छाए' जिस किसी मिथ्याभाव से की हुई 'मणदुक्कडाए' दुष्ट मन से की हुई 'वयदुक्कडाए' दुर्वचन से की हुई 'कायदुक्कडाए' शरीर की दुष्ट चेष्टा से की हुई 'कोहाए' क्रोध से की हुई 'माणाए' मान से की हुई 'मायाए' माया से की हुई 'लोभाए' लोभ से की हुई 'सव्वकालिआए' सर्वकालसम्बन्धिनी 'सव्वमिच्छोवयाराए' सब प्रकार के मिथ्या उपचारों से पूर्ण 'सव्वधम्माइक्कमणाएं सब प्रकार के धर्म का उल्लङ्घन करनेवाली 'आसायणाए' आशातना के द्वारा 'मे' मैंने 'जो' जो 'अइयारो' आतिचार 'कओ' किया ‘खमासमणो' हे क्षमाश्रमण ! 'तस्स' उससे 'पडिक्कमामि' निवृत्त होता हूँ 'निंदामि' उसकी