Book Title: Chaturvinshati Jin Stuti
Author(s): Vinaysagar
Publisher: ZZZ Unknown
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(११)
शुद्धाशुद्धिपत्रकम् । अशुद्धिः
शुद्धिः क्रमां
क्रमा संखीकरोऽमोदितो सद्धीकराऽमोदितो थियो
धियः
प्रया जितोरुदिशं
जितोरूदिश मच्छन्
यच्छह दे वीतारा हार सारा धिका रा=दे वीताराहारसाराऽधिकाऽऽरा
ऽया
प्रासा
प्राशा
जिनवरान
जिवरान् सुमत्पाह ईदाना नुतास्तां संया दितछिनः रोगसमः धरतीत सौरभी
ददाना नुताऽस्ता साया दिनेछिन्नो रोगशमः धरतीति सैरिभी
यन्
यत्
कारमाका उपात्या दानेभ्योहिता निका परिभवतु
का रमाः का: त्रपां ताा दानेभ्यो हिताऽनिकामं २७ परिभवं तु

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