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तीर्थ-जिन विशेष
जय जय इन्द्र नरेन्द्र वद, सेवित शिर नामी, जय जय अतिशय अनंत वंत, अंतर गति यामी...२ पूर्व विदेहे विराजता, श्री सीमंधर स्वाम, त्रिकरण शुद्धे त्रिकाल मैं, नित प्रति करू प्रणाम...३...
पहेला प्रणम विहरमान, श्री सीमंधर देव, पूर्व दिशे इशान खूणे, वंदु हुं नित्त्यमेव.. पुक्खलवइ विजया तिहां, पुंडरिकिणी नयरी, श्री श्रेयांस राजा भलो, जित्या सवी वयरी...२... देहमान धनुष पांचसे, माता सत्त्यकी नंद, रुक्मणि राणी नाहलो, वृषभ लंछन जिनचंद...३... चोराशी लख पूरव आय, सोवन वरणी काय, वीश लाख पूरव कुमार वास, तेम त्रेसठ राय...४... गणधर चोराशी कह्या ओ, मुनिवर ओकसो कोडी, पंडित धीरविमल तणो,ज्ञानविमल कहे करजोडी...५...
(१३) श्री सीमंधर साहिबा, महाविदेह क्षेत्र मोझार, भक्ति भावे वंदन करू, दिन में वार हजार...१ धन्यधन्य विजय पुष्कलावती,धन्य पुंडरिकिणी धाम, धन्य धन्य माता सत्त्यकी, धन्य पिता श्रेयांस नाम...२ चोराशी लख पूर्व स्थिति, धनुष पांचसो काय, धोरी लंछने शोभती, सोवन वरणी काय...३ कंथुनाथ आरे जनमिया, इन्द्र कियो अभिषेक,.. सुव्रत समय दीक्षा गृही, तार्या जीव अनेक...४
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