________________ 卐卐 बाल ब्रह्मचारी श्री नेमिनाथाय नमः * जिन भक्तिमा खुटती एक कडीनुं अभूतपूर्व प्रकाशन परमात्मा समक्ष बोलवानी स्तुतिओनी चोपड़ी बहार पड़ी छे. स्तुति तरंगिणी मां थोयना जोडाओनो भंडार छे. स्तवन तथा सज्झाय संग्रहो प्रकाशित थया छे. पण चैत्यवंदन स ग्रह जोवामां आवतो नथी. दर्शन शुद्धिना एक अति आवश्यक एवा आ अंग ने अमे जिनभक्ति निमग्न आराधको समक्ष मुकवानो प्रयास कर्यो छ. आ विशिष्ट संग्रह वितराग भक्ति रत पूज्य मुनिराज श्री सुधर्मसागरजी म. सा. नी प्रेरणा थी * तेमना शिष्य पू. मुनि दीपरत्नसागरे संपादित कर्यो छे. (1) चैत्यवंदन पर्वमाला. (3) चैत्यवंदन चोविसी. (2) चैत्यवंदन संग्रह [तीर्थ-जिन विशेष]. हिन्दी लिपि मांत्रण भाग मां कुल 7 चैत्यवंदनो नो संग्रह तैयार थई चुक्यो छे. जे गुजराती मां एक पुस्तक मां प्रगट थनार छे. रुपिया 1001/- ना द्रव्य सहायक नो फोटो मुकवामां आवशे, रू. 51 अथवा वधु रकम आपनार नु -नम्म द्रव्य सहायक तरीके मुकवामां आवशे. आप ड्राफ्ट थी रकम मोकली आ. कार्य मां लाभ लेशो. ड्राफ्ट "अभिनव श्रुत प्रकाशन' मा नामे मोकलशो. अभिनव श्रृत प्रकाशन C/0 प्रवीणचंद्र जेसंगलाल महेता प्रधान डाकघर पाछण, जामनगर-3610016 मुद्रक : ज्ञानोदय मुद्रणालय, नीमच