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तीर्थ - जिन विशेष
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सोनैया अंशी रति, मात-पिता निज नाम, सीक्को त्रणे नामनो, जाचो कंचन दाम... ५ ओक कोड ने आठ लाख, देवे दान प्रभात, वरह वरह वाणी सदा, गुप्त शब्द संभळात... ६ तोस सोनैये ओक शेर, बारसें मण जाणो, नव हजार मण ओक दिन, सोनुं दान प्रमाणो... ७ चालीश मणना मापनुं, गाडुं ओक भरावे, अहवा बसे पचीश मान, दिन प्रति देवाये...८ वरस दिवसना सोनया, त्रणशे क्रोड अठयासी, अंशी लाख उपर वळी, संख्या अह प्रकाशी...६ गणना ओक दिवस परे, वरस दिवस नी लीजे, गणधर वचन प्रमाणथी, ओ उपकार करीजे... १० षट् अतिशय जे दानना, तेहथी देवे दान, दोय हाथे दोय मुट्ठी, याचक भाग्य प्रमाण... ११ दीपविजय कविरायनो ओ, वीर प्रभु दीये दान, भव्य जीवने योग्यता, कारण परम निधान...१२ श्री वीरप्रभुना केवलज्ञान कल्याणकनु चैत्यवंदन ( १६ ) वीर चरम परमातमा, दर्शन ज्ञान अनंत, वीतराग भावे थया, समवसरण विलसंत... १... इंद्रभूति आदि सहु, अकादश गुणवंत, ओकेको संदेह ते, टाळे श्री भगवंत... २... दीक्षा शिक्षा देइने, थाप्या गणधर नाणी,
अंतर मुहरतमां रची, द्वादशांगी गुणखाणी...३...
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