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६३. वीरा थारी बान बुरी परी रे ६४. अब मन मेरे वे ६५. मन हंस! हमारी लै शिक्षा हितकारी ६६. सो मत सांचो है मन मेरे ६७. मन मूरख पंथी, उस मारग मत जाय रे ६८. ऐसो श्रावक कुल तुम पाय ६९. जीवदया व्रत तरु बड़ो ७०. सब विधि करन उतावला ७१. आयो रे बुढ़ापो मानी ७२. चरखा घलता नाहिं रे ७३. काया गागरि जोजरी ७४. गाफिल हुआ कहाँ तु डोले ७५. यह तन जंगम रूंखड़ा ७६. रखता नहीं तन की खबर ७७. जगत जन जूवा हारि चले ७८. जग में श्रद्धानी जीव जीवन मुकत हैंगे ७९. वे कोई अजब तमासा देख्या । ८०. सुनि सुजान! पाँचों रिपु वश करि ८१. अहो दोऊ रंग भरे खेलत होरी ८२. सुनि सुनि हे साधनि ८३. होरी खेलौंगी, घर आये चिदानन्द कन्त ८४. हूँ तो कहा करूं कित्त जाउं ८५. राजा राणा छत्रपति
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